किसानों की आय डबल होना तो दूर, चार राज्यों में 30 फीसद घट गयी

0
कार्टून साभार

13 अप्रैल। सन 2022 में किसानों की आय डबल होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए?’ 28 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में जब ये सवाल किया तो भीड़ ने एक सुर में कहा, ‘हां होनी चाहिए…’ उस रैली में पीएम मोदी ने कहा कि 2022 में जब भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे तो उस समय तक हम किसानों की आय को दोगुना कर देंगे। पीएम के ऐलान के बाद सरकार ने मार्च 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का टारगेट रखा था। डेडलाइन खत्म होने को है, लेकिन किसानों की आय दोगुनी होना तो दूर, चार राज्यों में 30 प्रतिशत तक घट गई है। बीजेपी सांसद पीसी गद्दीगौदर की अध्यक्षता में एग्रीकल्चर पर बनी संसदीय समिति ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट पेश की। इस समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार आय दोगुनी करने के लक्ष्य से अभी कोसों दूर है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, समिति ने अपनी रिपोर्ट में दो सर्वे के आंकड़े बताए हैं। ये सर्वे 2015-16 और 2018-19 के हैं। इनके हवाले से समिति ने बताया है कि 2015-16 में देश के किसानों की महीने की औसत आमदनी 8 हजार 59 रुपये थी, जो 2018-19 तक बढ़कर 10 हजार 218 रुपये हो गई। यानी 4 साल में महज 2 हजार 159 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

वैसे सबसे ज्यादा कमाई मेघालय के किसानों की है। यहां के किसान की हर महीने की आमदनी 29 हजार 348 रुपये है। दूसरे नंबर पर पंजाब है, जहां के किसान 26 हजार 701 रुपये एक महीने में कमाते हैं। वहीं, तीसरे नंबर पर 22 हजार 841 रुपये की कमाई के साथ हरियाणा के किसान हैं जबकि 4 राज्यों में किसानों की कमाई घटी है। इनमें झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और नागालैंड शामिल हैं। झारखंड के किसानों की हर महीने की कमाई 2 हजार 173 रुपये कम हो गई है। वहीं, नागालैंड में 1551 रुपये, मध्य प्रदेश में 1400 तो ओड़िशा के किसानों की आमदनी 162 रुपये घट गयी है। कमेटी ने सुझाव दिया है कि सरकार स्पेशल टीम बनाकर इन राज्यों में किसानों की घटती आमदनी के कारणों का पता लगाए और उचित कदम उठाएं।

दरअसल किसानों का खर्च लगातार बढ़ रहा है। पिछले साल नवंबर में सरकार ने बताया था कि हर महीने 10,218 रुपये कमाते हैं तो 4,226 रुपये खर्च हो जाते हैं। किसान हर महीने 2 हजार 959 रुपये बुआई और उत्पादन पर तो 1 हजार 267 रुपये पशुपालन पर खर्च करता है। यानी, किसानों के पास हाथ में 6 हजार रुपये भी पूरे नहीं आते। इतनी कम कमाई के चलते ही किसान कर्ज लेने को मजबूर होते है। पिछले साल जुलाई में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि 31 मार्च 2021 तक किसानों पर 16.80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है।

– नवनीश कुमार

Leave a Comment