धारवाड़ में फलविक्रेता नबीसाब की दुकान तोड़ने की चौतरफा निन्दा

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13 अप्रैल। श्रीराम सेना के उन्मादियों द्वारा धारवाड़ के नुग्गीकेरी हनुमान मंदिर के बाहर तरबूज बेचने वाले गरीब नबीसाब किल्लेदार के स्टॉल पर तोड़फोड़ करने के बाद, इस वृद्ध मुस्लिम विक्रेता के लिए न केवल हर तरफ से समर्थन आ रहा है, बल्कि वही लोग गरीब विक्रेता के तरबूजों को नष्ट करने के अमानवीय कृत्य के लिए तथा कानून तोड़ने के लिए श्री राम सेना की कड़ी आलोचना भी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले श्रीराम सेना के गुंडों ने नबीसाब के स्टाल पर बेचने के लिए रखे करीब पाँच क्विंटल तरबूज को नष्ट कर दिया था। नबीसाब के मुताबिक वह पिछले पंद्रह साल से मंदिर के बाहर फल बेच रहे हैं, और उन्हें कभी किसी से कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन श्रीराम सेना के उन्मादियों ने, जिनसे मुसलमानों का मंदिर के बाहर फल बेचना गवारा नहीं हुआ, आकर उनकी दुकान में तोड़फोड़ की और सड़क पर खरबूजे फेंक दिए।

जब इस गुंडागर्दी का वीडियो वायरल हुआ तो सभी धर्मों के लोगों ने इस घटना पर रोष व्यक्त किया और बेचारे विक्रेता के प्रति सहानुभूति जताई। श्रीसेना की आलोचना करने के अलावा, लोगों ने हिंदुत्व के गुंडों को कानून अपने हाथ में लेने के लिए भाजपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया है।

विभिन्न क्षेत्रों के लोगों और कार्यकर्ताओं और राजनीतिकों ने भी इस घटना पर रोष व्यक्त किया है। श्रीराम सेना के सदस्यों की गुंडागर्दी की कड़ी निंदा करते हुए, विधानसभा में विपक्ष के नेता, सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर वह अभी भी सीएम के रूप में सत्ता में हैं तो श्रीराम सेना के गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि अगर सीएम के रूप में इतना सरल कार्य करना भी संभव नहीं है, तो उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और कुर्सी की गरिमा को बचानी चाहिए।

सिद्धारामैया ने कहा कि ऐसे गुंडों को भगवान राम का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं है। सीएम ने अपनी सरकार को पूरी तरह से संघ परिवार को आउटसोर्स कर दिया है और अनुबंध के आधार पर गुंडों को काम पर रखा है। उन्होंने कहा कि सीएम का न तो पार्टी पर और न ही अपने मंत्रिमंडल पर नियंत्रण है। सीएम को लगता है कि वह सरकार को संघ परिवार के यहाँ गिरवी रखकर अपनी स्थिति बचा सकते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री और जद(एस) नेता, एचडी कुमारस्वामी ने धारवाड़ के प्रसिद्ध मंदिर के बाहर एक गरीब व्यक्ति की दुकान को नष्ट करने को एक घिनौना और कायराना कृत्य बताया।

उन्होंने टिप्पणी की, “कश्मीर में रक्तपात करने वाले आतंकवादियों और श्रीराम सेना की विनाशकारी ताकतों के बीच कोई अंतर नहीं है, जो राज्य की शांति और सद्भाव को आग लगा रहे हैं। यह पूरी तरह से खाद्य भोजन को बर्बाद करने का एक असभ्य कार्य है।” उन्होंने गुंडों को राज करने के लिए खुली छूट देने के लिए बोम्मई सरकार की भी आलोचना की। इस घटना की आलोचना करने के लिए कई लोगों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया है। हुलिकुंटे मूर्ति ने सभी दलित कार्यकर्ताओं से इस तरह की गुंडागर्दी के विरोध में एकजुट होने के लिए कहा है। उस घटना को याद करते हुए जब सैकड़ों दलित कार्यकर्ताओं ने नीली शॉल पहनकर उन मुस्लिम लड़कियों के प्रति एकजुटता दिखाई थी, जो हिजाब पहनना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि गरीब आदमी नबीसाब के साथ इसी तरह की दृढ़ता दिखाने का समय फिर से आ गया है।

एक अन्य यूजर चंद्रू तराहुनीसे ने कहा कि कुछ लोगों के लिए यह सिर्फ एक नष्ट तरबूज जैसा लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह हमारे बच्चों का भविष्य है, जो बिखर गया। उन्होंने समाज के सभी वर्गों के लोगों से इस तरह के अमानवीय कृत्यों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने का आह्वान किया है।

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