मजदूरों का फैक्ट्री में शर्ट उतारना पड़ा महँगा; मैनेजमेंट ने अनुशासनहीनता का नोटिस थमाया

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19 अप्रैल। हरियाणा के आईएमटी मानेसर में स्थित बेलसोनिका कंपनी के मजदूरों ने भीषण गर्मी में एयर वॉशर न चलाए जाने को लेकर फैक्ट्री में शर्ट उतार कर काम करना शुरू किया तो मैनेजमेंट ने यूनियन को अनुशासनहीनता का नोटिस थमा दिया।

बीते एक अप्रैल से कंपनी में एयर वॉशर न चलाए जाने को लेकर मजदूरों में नाराजगी चल रही थी। इससे पहले मजदूरों ने अपनी माँगों को लेकर पीठ पर पर्चे टांग कर काम किया और अपना विरोध दर्ज कराया था।

शनिवार को दोपहर के खाने में मजदूरों ने दाल चावल का बहिष्कार कर दिया, जिस पर मैनेजमेंट ने पूरा खाना खाने को लेकर मजदूरों पर दबाव बनाया।

अब सोमवार को मजदूरों ने शर्ट उतार कर सुबह से काम करना शुरू किया तो मैनेजमेंट ने यूनियन को एक नोटिस जारी कर इसे तत्काल बंद करने की माँग की।

साथ ही कंपनी प्रबंधन ने लेबर डिपार्टमेंट में भी ये मामला दर्ज कराया और आज यूनियन बॉडी के सदस्यों को पेश होने के लिए बुलाया गया था लेकिन प्रदर्शन के कारण यूनियन नेताओं ने दो दिन बाद की अगली तारीख ले ली है।

बेलसोनिका यूनियन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “आज मजदूरों द्वारा शर्ट उतार कर मशीनों पर कार्य किया जा रहा है। प्रबंधन की प्लांट के अंदर की जा रही उकसावे पूर्ण कार्यवाही का बेलसोनिका यूनियन प्लांट के अंदर प्रोटेस्ट कर रही है। प्रबंधन छंटनी की मंशा को लेकर वर्कर्स यूनियन को लगातार परेशान कर रहा है।”

यूनियन के अनुसार, “प्रबंधन ने पिछले साल लगभग 22 मजदूरों को फर्जी बताकर आरोप पत्र थमा दिए। इन मजदूरों को फैक्ट्री में कार्य करते हुए लगभग 8-10 साल हो चुके हैं। घरेलू जाँच बैठा कर प्रबंधन इनको बाहर निकालना चाहता है। दूसरी ओर प्रबंधन ने कोरोना काल में लगे सरकार के कठोर लॉक डाउन के कारण तथा सार्वजनिक साधनों के न चलने के कारण जो लोग समय पर फैक्ट्री में नही पहुँच पाए उनको भी आरोप पत्र थमा कर उनकी घरेलू जाँच कार्यवाही पूरी कर ऐसे 2 श्रमिकों को बर्खास्तगी का नोटिस प्रस्ताव सहित दे चुकी है।”

यूनियन के प्रधान मोहिंदर कपूर ने कहा, कि प्रबंधन की यह कार्रवाई साफ तौर पर छंटनी की मंशा को दिखाता है।

वो कहते हैं, कि यूनियन ने जब प्रबंधन से इस बारे में बात की तो फैक्ट्री के मालिक (हिरोआकि सुजुकी) ने कहा कि हमारी फैक्ट्री में परमानेंट श्रमिक ज्यादा हैं। इतने परमानेंट श्रमिकों के साथ फैक्ट्री नहीं चला सकते। मालिक का यह रवैया साफ तौर पर छंटनी करने का है। छंटनी के लिए लालायित प्रबंधन अलग अलग तरीकों से परेशान कर रहा है।

यूनियन का कहना है, कि 1 अप्रैल से चलने वाले एयर वॉशर को आज 18 अप्रैल होने के बाद भी प्रबंधन चलाने को राजी नहीं है। प्रबंधन लगातार शॉप फ्लोर में कभी कैंटीन के खाने को लेकर, कभी हवा-पानी को लेकर, कभी बसों को लेकर, कभी यूनिफार्म को लेकर, कभी सेफ्टी शूज को लेकर, कभी रविवार के साप्ताहिक अवकाश को बदलने को लेकर लगातार उकसावे पूर्ण कार्यवाहियों का सहारा लेकर अशांति पैदा करना और किसी अप्रिय घटना को अंजाम देना चाहता है।

बेलसोनिका यूनियन ने प्रबंधन की इन घोर मजदूर विरोधी कार्यवाहियों का लिखित रूप से विरोध किया है। यूनियन की माँग है, कि मजदूरों को दिए गए आरोपपत्र वापिस लिये जाएँ, और प्रबंधन स्वयं द्वारा की गयी गलतियों को सुधारे। श्रमिकों की बुनियादी सुविधाओं में कोई कटौती नहीं चलेगी। उन समस्त सुविधाओं को समय पर श्रमिकों को दिया जाए।

उधर सोमवार को शर्ट उतारकर प्रोटेस्ट दर्ज कराने के मामले में प्रबंधन ने यूनियन को दिए नोटिस में कहा है, कि कंपनी को सुचारु रूप से चलाने में अनुशासनहीनता और अभद्रता बाधक बन रही है। इससे कंपनी में असुरक्षित काम की परिस्थिति पैदा हो गई है। इसे तत्काल बंद किया जाए और कंपनी में सौहार्दपूर्ण माहौल को बनाए रखा जाए।

इस नोटिस में कहा गया है कि, “हमारी कंपनी में सुरक्षा और अनुशासन को वरीयता दी जाती है और वर्दी पीपीई किट का ही हिस्सा होता है। इसे उतारकर असुरक्षित काम की स्थिति बनाई जा रही है। किसी भी हालत में सुरक्षा और अनुशासन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यूनियन के महासचिव अजीत सिंह ने वर्कर्स यूनिटी से कहा कि मैनेजमेंट खुद कंपनी में सुरक्षा को लेकर घोर लापरवाही बरत रहा है। इस भीषण गर्मी में एयर वॉशर चलना चाहिए और कंपनी के ही नियमों के अनुसार एक अप्रैल से इसे चला दिया जाता है। लेकिन रिकॉर्डतोड़ गर्मी में भी एयर वॉशर नहीं चलाया जा रहा है जिससे शॉप फ्लोर पर काम करनेवाले मजदूरों को भयंकर दिक्कत हो रही है। अगर वे शर्ट नहीं उतारेंगे तो गर्मी से बेहाल होकर बेहोश होने की नौबत आ चुकी है।

अजीत सिंह के अनुसार, आप खुद समझ सकते हैं, कि मैनेजमेंट ने कंपनी के अंदर काम की असुरक्षित स्थिति बना दी है। मशीन पर काम करते हुए अगर गर्मी से मजदूर को कुछ हो जाता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

(Workers unity से साभार)

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