24 अप्रैल। नियमितीकरण और मानदेय की माँग को लेकर राज्य प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति प्रबंधक संघ व तेंदूपत्ता फड़ मुंशियों का संयुक्त संघ 12 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। इससे तेंदूपत्ता संग्रह व विभागीय कार्य पूरी तरह से ठप है। दूसरी ओर अभी तक प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे प्रदर्शनकारियों में भारी आक्रोश है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बीते 12 दिनों से जिला यूनियन गेट के पास धरना पर बैठे हैं। इससे साल 2022 सीजन के तेंदूपत्ता वनोपज संग्रहण डाटा एंट्री कार्य एवम महेंद्र कर्मा बीमा योजना प्रभावित है।
हड़तालियों का कहना है, कि बीते 34 साल से आदिवासी प्रबंधक लगातार सरकार की संपूर्ण कार्य पूरी जिम्मेदारी से कर रहे हैं। इससे शासन को करोड़ों का राजस्व मिल रहा है। इसके अलावा कई महत्त्वपूर्ण योजनाएँ संचालित हो रही हैं। तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को इसका फायदा मिल रहा है। इसके बावजूद कर्मचारियों को नियमित करने और मानदेय को लेकर भेदभाव किया जा रहा है। तेंदूपत्ता फड़ मुंशियों को बिना मानदेय पूरे साल काम लिया जाता है। एक साल पहले उच्च न्यायालय ने नियमितीकरण करने का आदेश दिया था। राज्य संघ द्वारा कमेटी तैयार कर तीन माह के भीतर नियमित करने की बात कही गयी थी। लेकिन कोर्ट के आदेश का पालन अभी तक नहीं किया गया है।
(‘नई दुनिया’ से साभार)
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