माइक्रोमैक्स मजदूरों की कार्यबहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन

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17 जून। उत्तराखंड में रुद्रपुर के भगवती प्रोडक्ट लि. माइक्रोमैक्स के गैरकानूनी छँटनी के शिकार श्रमिकों ने श्रम भवन पर अवार्ड परिपालन और सहायक श्रम आयुक्त द्वारा मामले को उलझाने के खिलाफ घेराव किया। दोघेराव के बाद एएलसी ने तत्काल कार्रवाई का भरोसा दिलाया। एएलसी द्वारा श्रमिकों के हस्ताक्षर और प्रतिनिधियों की वैधता संबंधी नोटिस पर कहा, कि बेहद क्षोभपूर्ण व आपत्तिजनक है, क्योंकि श्रम अधिकारियों द्वारा सेवायोजक को किसी न किसी तरीके से लाभ पहुँचाने के लिए मामले को विवादित बनाए रखने के लिहाज से ऐसी नोटिस जारी किया गया है।

श्रमिकों ने क्षोभ प्रकट करते हुए कहा, कि इससे पूर्व भी एएलसी महोदय ने ऐसे ही समस्त श्रमिकों वेरिफिकेशन का निर्देश जारी किया था, और समस्त श्रमिकों की वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में 3 महीने से ज्यादा का समय बेवजह चला गया था। सारा वेरिफिकेशन हो जाने के बाद अब फिर से यह नोटिस जारी करना गलत और विधि विरुद्ध है। कहा, कि श्रमिक पक्ष द्वारा अधिकृत श्रमिक प्रतिनिधियों के अधिकार पत्र कई बार दाखिल किए जा चुके हैं। पुनः इसकी माँगने का कोई औचित्य नहीं है। यह स्पष्ट है, कि श्रम अधिकारियों द्वारा सेवायोजक की इच्छा अनुसार मामले को विलंबित करने की यह एक और कोशिस है।

श्रमिकों ने 303 श्रमिकों की छँटनी को अवैध घोषित करने के माननीय औद्योगिक न्यायाधिकरण के अवार्ड और उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के तत्काल अनुपालन की माँग की। इस क्रम में श्रमिकों की कार्यबहाली सुनिश्चित कराने और देय बकाए वेतन भुगतान हेतु अग्रिम कार्यवाही जल्द से जल्द कराने के लिए आवाज बुलंद की। श्रमिकों के रोष को देखते हुए एएलसी ने श्रमिकों के हस्ताक्षर की जाँच और प्रतिनिधित्व की बात किनारे कर दी और आदेश के परिपालन में बकाया वेतन की आरसी काटने और कार्यबहाली हेतु तत्काल पहल लेने का आश्वासन दिया।

सहायक श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर का घेराव करने वाले श्रमिकों में हरिप्रिया, धरंम पाल, दीपक सनवाल, नंदन सिंह, ठाकुर सिंह, मनोज पांडे, पूरन बिष्ट, संत कुमार, राज कुमार, पवन कुमार, हेमंत चुफाल, खष्टी भट, प्रकाश, मनोज, राजेंद्र सिह रावत आदि शामिल रहें।

(‘मेहनतकश’ से साभार)

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