
— डॉ सुनीलम —
नरेंद्र सिंह जी की मौत की खबर स्तब्ध करनेवाली है। वे समाजवादी आंदोलन के मजबूत स्तंभ थे। उनका किसान और मजदूर आंदोलन से अटूट संबंध था। मेरा नरेंद्र सिंह जी से संबंध विशेष तौर पर मेरे राजनीतिक गुरु प्रोफेसर विनोद प्रसाद सिंह के कारण बना था लेकिन बाद में वह आत्मीय रिश्ते में बदल गया। कृषि मंत्री रहते हुए या बाद में भी वह मुझे लगातार हर महीने एक दो बार अवश्य फोन करके कुशल क्षेम पूछा करते थे तथा किसान आंदोलन की अद्यतन जानकारी लिया करते थे। जब हमने समाजवादी समागम बनाया, तब से वे लगातार सक्रिय रहे। हमें जब भी कोई कार्यक्रम बिहार में करना होता था हम मान कर चलते थे कि इस कार्यक्रम के आयोजन में वे तन मन धन से मदद करेंगे। बिहार के किसानों के सवालों का उन्होंने गहराई से अध्ययन किया था तथा किसानी को समृद्ध बनाने के लिए लगातार सोचते रहते थे।
नरेंद्र सिंह जी बिहार में समाजवादी आंदोलन के एक स्तंभ थे। इस नाते उनका बिहार के सभी नेताओं से गहरा रिश्ता रहा। 1977 में जनता पार्टी से उनके पिता श्री कृष्णा सिंह मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने थे। बाद में मुंगेर से जमुई अलग जिला बन गया था। नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित सिंह फिलहाल नीतीश कैबिनेट के मंत्री हैं। उनके दूसरे बेटे अजय कुमार सिंह भी जमुई से विधायक बने थे।
संयुक्त किसान मोर्चा के 380 दिन के किसान आंदोलन में भी वे लगातार सक्रिय रहे। जब संयुक्त किसान मोर्चा ने बंगाल में भाजपा को सबक सिखाने का निर्णय लिया तब उन्होंने बंगाल जाकर किसानों की तमाम सभाएं कीं तथा किसान महापंचायत में शामिल हुए।
मेरी कल्पना में भी नहीं था कि इस तरह की स्तब्ध कर देनेवाली खबर सुनने को मिलेगी।
नीतीश कुमार और लालू यादव से उनके गहरे रिश्ते होने के तमाम प्रसंगों को लेकर मैं बाद में लिखूंगा।
किसान संघर्ष समिति, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, संयुक्त किसान मोर्चा, समाजवादी समागम के सभी साथियों की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि।
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