श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने किया राष्ट्रपति भवन पर कब्जा

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10 जुलाई। श्रीलंका में एकबार फिर सरकार विरोधी आंदोलन उग्र हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने एकबार फिर राष्ट्रपति निवास को निशाना बनाया है। खबरों के मुताबिक श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया है। जिसके बाद राजपक्षे घर छोड़कर भाग गए हैं। कुछ दिनों पहले ही भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दिया था तो उन्हें आगजनी और हिंसक प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए परिवार सहित घर छोड़कर भागना पड़ा था।

स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के भीतर दाखिल हो चुके हैं और उसपर एक तरह से कब्जा कर लिया है। स्थानीय टीवी चैनल न्यूजवायर की ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो में  फुटेज में श्रीलंकाई झंडा और हेलमेट पकड़े प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन के भीतर घुसते हुए देखा जा सकता है और वो भवन के भीतर नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि पुलिस और सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए गोलीबारी और आँसू गैस के गोले भी दागे लेकिन वो भीड़ को काबू नहीं कर सकी।

इससे पहले शनिवार की सुबह खबर आई कि श्रीलंका में शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों से पहले कर्फ्यू हटा लिया है। यह कर्फ्यू सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए कोलंबो सहित देश के पश्चिमी प्रांत में सात संभागों में लगाया गया था। पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं। यह कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था।

पुलिस महानिरीक्षक सी.डी.विक्रमरत्ने ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा, ‘‘जिन क्षेत्रों में पुलिस कर्फ्यू लागू किया गया है, वहाँ रहनेवाले लोगों को अपने घरों में ही रहना चाहिए और कर्फ्यू का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’ इससे लगा कि श्रीलंका के हालात में सुधार आया है परन्तु कुछ घंटे बाद की तस्वीर ने साफ कर दिया की स्थिति अभी भी काफी गंभीर है।

गौरतलब है, कि श्रीलंका मौजूदा समय में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इस कठिन समय और मुश्किल हालात में श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्थिति पर चर्चा करने और त्वरित समाधान के लिए पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है। उन्होंने स्पीकर से संसद को बुलाने का भी अनुरोध किया है। प्रदर्शनकारी मार्च से ही राजपक्षे का इस्तीफा माँग रहे थे। मई में तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद श्रीलंका जल उठा था। उग्र भीड़ ने राजपक्षे के पुश्तैनी घर और सांसद व मंत्रियों के घरों में आग लगा दी थी।

(‘न्यूज क्लिक’ से साभार)

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