संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशभर में चक्का जाम व विरोध प्रदर्शन

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31 जुलाई। सरदार उधम सिंह की शहादत दिवस पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम आयोजित किया गया – एमएसपी की कानूनी गारंटी, विद्युत अधिनियम, दर्ज मामलों की वापसी, और अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार द्वारा किए गए विश्वासघात के विरोध में देश भर के किसान फिर एकसाथ आए

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, ओड़िशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम आयोजित किया गया

संयुक्त किसान मोर्चा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और अन्य लंबित मुद्दों की मांग दोहराई

अग्निपथ योजना का पर्दाफाश करने के लिए 7 अगस्त से 14 अगस्त तक देशभर में “जय जवान, जय किसान” सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे

स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर लखीमपुर खीरी में 18,19 और 20 अगस्त को 75 घंटे का मोर्चा आयोजित किया जाएगा

31 जुलाई। रविवार को सरदार उधम सिंह के शहादत दिवस पर देश भर के किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा उनके साथ किए गए विश्वासघात के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम का आयोजन किया। संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 जुलाई को हुई अपनी राष्ट्रीय बैठक में केंद्र सरकार के विश्वासघात के खिलाफ सरदार उधम सिंह के शहादत दिवस पर 4 घंटे के “राष्ट्रव्यापी चक्का जाम” का आयोजन करने का आह्वान किया था।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को अपने पत्र में संयुक्त किसान मोर्चा से किए गए किसी भी वादे को आज तक पूरा नहीं किया है, जिन वादों के आधार पर किसान आंदोलन को स्थगित किया गया था। सरकार अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी पर चर्चा तक करने के लिए तैयार नहीं है। भारत सरकार द्वारा किसानों की आंखों में धूल झोंकने के लिए बनाई गई कमिटी में कानूनी गारंटी का कोई जिक्र नहीं है।

उधर कैबिनेट ने संसद में रखने के लिए बिजली संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। न ही किसानों के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए गए हैं। अजय मिश्रा टेनी आज भी केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बने हुए हैं।

इस विश्वासघात के विरोध में, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, ओड़िशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, त्रिपुरा, और अन्य राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ और चक्का जाम आयोजित किया गया। केंद्र सरकार द्वारा विश्वासघात के विरोध में लाखों किसान एकसाथ सड़कों पर फिर एक बार दिखलाई दिए।

संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी छह मांगों — C2 + 50% फॉर्मूला के आधार पर सभी उपज के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी, “विद्युत संशोधन विधेयक, 2020/2021” के मसौदे को वापस लेना, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021” में किसानों पर दंडात्मक प्रावधानों को हटाना, आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ झूठे मामलों की वापसी, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी, और किसान आंदोलन के शहीदों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास और सिंघू बार्डर पर उनकी स्मृति में स्मारक बनाने के लिए भूमि आवंटन को फिर से दोहराया है।

अग्निपथ योजना का पर्दाफाश करने के लिए, जो योजना राष्ट्र-विरोधी और युवा-विरोधी होने के साथ-साथ किसान-विरोधी भी है, संयुक्त किसान मोर्चा 7 अगस्त से 14 अगस्त तक देश भर में “जय-जवान जय-किसान” सम्मेलन आयोजित करेगा। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संयुक्त किसान मोर्चा केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर 18-19-20 अगस्त को लखीमपुर खीरी में 75 घंटे का स्थायी मोर्चा आयोजित करेगा, जिसमें किसान नेता और देश भर के कार्यकर्ता भाग लेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि यदि वायदे के अनुरूप मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो आनेवाले महीनों में किसान आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

चक्का जाम व विरोध प्रदर्शन की कुछ झलकियां –

सोनीपत, हरियाणा
बीड, महाराष्ट्र
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश
समस्तीपुर, बिहार
सीतामढ़ी, बिहार
तमिलनाडु
जगरांव, पंजाब
आंध्र प्रदेश
रायबरेली, उत्तर प्रदेश
राजकोट, गुजरात
हिसार, हरियाणा
तमिलनाडु
राँची
रोहतास, बिहार
मुजफ्फरनगर
जलगांव, महाराष्ट्र
देहरादून
अगरतला, त्रिपुरा

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