19 अगस्त। उत्तर प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा, कि वर्तमान समय में बुलडोजर ही ‘न्यायालय’ बन गया है। वह बृहस्पतिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के 75 घंटे के धरने में शामिल हुईं और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की माँग की।
अमर उजाला की एक खबर के मुताबिक उन्होंने कहा कि पिछले साल तीन अक्तूबर को तिकुनिया में किसानों द्वारा चल रहे अहिंसक प्रदर्शन में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा जीप से कुचलकर चार किसानों को मार डाला गया था। अहिंसक आंदोलन पर हिंसक हमला करना भाजपा शासन की प्रमुख विशेषताओं मे से एक है। सभी को हिंसा का विरोध करना चाहिए। जनता के बीच जाकर आंदोलन के धार तेज करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, कि किसानों के लिए यह सरकार बद से बदतर साबित हुई है। किसानों के साथ सिर्फ धोखा हुआ है। पिछले साल कृषि बीमा कंपनियों ने 40 हजार करोड़ रुपये कमाए हैं, जिनके कर्ज को भी माफ कर दिया गया। जबकि किसानों को सरकार ने कोई राहत नहीं दी है।
मेधा पाटकर ने बताया, कि वह दो दिन से लखीमपुर में हैं। आगे वह शामिल नहीं हो सकेंगी। नर्मदा बचाओ आंदोलन के 37 साल पूरे हुए हैं, जिसको लेकर मध्य प्रदेश में कार्यक्रम हैं। वहीं एक बांध भी टूट गया है। 11 गाँवों को खतरा पैदा हो गया है। ऐसे में उनका मध्य प्रदेश जाना बहुत जरूरी है।
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