मणिपुर में भड़की हिंसा के मद्देनजर हजारों लोगों ने राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग की

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5 मई। चेंज डॉट ओआरजी पर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की माँग को लेकर एक सार्वजनिक याचिका दायर की गई है, जिसमें कुकी जनजाति और मैतेयी समुदाय के बीच झड़पों में भीड़ की उग्रता को रेखांकित किया गया है। याचिका पर अब तक 46,000 से अधिक स्थानीय नागरिक हस्ताक्षर कर चुके हैं, हस्ताक्षर करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विदित हो, कि कुकी पहाड़ी जनजाति पहले से अल्पसंख्यक है, और यह बहुसंख्यक मैतेयी समुदाय की खुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की माँग का विरोध कर रहा है, जिस मांग पर राज्य की भाजपा सरकार सहमति जता चुकी है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि मणिपुर के गृह विभाग ने ‘देखते ही गोली मारने’ के आदेश जारी किये हैं। यहाँ तक कि इंटरनेट भी बंद कर दिया है। एक भाजपा विधायक पर भीड़ ने हमला किया और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। अभी तक कोई आधिकारिक मौत नहीं हुई है, और लोग अपने जीवन को लेकर डरे हुए हैं।

सार्वजनिक याचिका में दोनों संघर्षरत समुदायों से शांति की अपील की गयी है और शांति का संदेश फैलाने तथा साथ बैठकर बात करने की इच्छा जताई गयी है। अपनी पुश्तैनी वनभूमि को बेदखल करने, गिरजाघरों को तोड़ने, म्यांमार से अवैध आप्रवासी होने का आरोप लगाए जाने आदि के कारण कुकी राज्य की भाजपा सरकार से नाखुश हैं। हिंसा एक पहाड़ी जिले चुराचांदपुर जिले से इंफाल घाटी तक फैल गई है। भीड़ घरों और वाहनों में आग लगा रही है। यहाँ तक कि कांगपोकपी, बिष्णुपुर और मोरेह पर भी हमले हो रहे हैं।

(‘सबरंग इंडिया’ से साभार)

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