21 अगस्त। देश में भीषण बेरोजगारी और बढ़ती आत्महत्या के खिलाफ युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में चम्पारण से शुरू हुई ‘हल्लाबोल यात्रा’ रविवार को दरभंगा पहुंची। बिहार के सभी जिलों से होते हुए इस यात्रा का समापन 23 सितंबर को पटना में एक बड़े सम्मेलन के साथ होगा।
‘हल्ला बोल यात्रा’ की शुरुआत 16 अगस्त को भितिहरवा स्थित गाँधी आश्रम से सादगी भरे एक कार्यक्रम से हुई थी। यात्रा के दौरान अनुपम सिर्फ समस्या को चिन्हित नहीं कर रहे, बल्कि समाधान भी बता रहे हैं। उन्होंने बेरोजगारी संकट के समाधान के तौर पर ‘भारत रोजगार संहिता’ का प्रस्ताव दिया है। ‘भारत रोजगार संहिता’ को संक्षिप्त में भ-रो-सा कहा जा रहा है। अपनी यात्रा के माध्यम से अनुपम सरकार से भरोसा मांग रहे हैं और इस प्रस्ताव के इर्दगिर्द जनसमर्थन जुटा रहे हैं। पहले दिन से ही अनुपम की यात्रा को खूब जनसमर्थन मिल रहा है, विशेष तौर पर उनकी बैठकों में युवाओं और बुद्धिजीवियों की भागीदारी उल्लेखनीय है।
शहर में प्रेस को संबोधित करते हुए अनुपम ने कहा कि बेरोजगारी आज जीवन मरण का सवाल बन चुका है। भविष्य को लेकर युवाओं में अनिश्चितता और अंधकार इस कदर है कि हताशा बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की खबरें अब आम बात होती जा रही हैं। इस कारण से युवाओं का सरकार से भरोसा उठता जा रहा है। अब युवाओं को चाहिए भ-रो-सा यानी ‘भारत रोजगार संहिता’। सरकार देश की सभी रिक्तियों को अविलंब भरे और ‘भर्ती आचार संहिता’ लागू कर 9 महीने में नियुक्ति पूरी करे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बोझा ढोने और ठेला चलाने के लिए बिहार के लोगों को हजारों किलोमीटर दूर बम्बई दिल्ली जाना पड़ता है। बंद पड़े चीनी, पेपर और जूट मिलों को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए ताकि दो वक्त की रोटी के लिए बिहार के लोगों को पलायन न करना पड़े।
प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से प्रशांत कमल, अर्जुन मिश्रा, प्रियेश पांडे और रजत यादव उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय में आयोजित सभा में वक्ताओं ने ‘हल्लाबोल यात्रा’ के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि अनुपम की अगुवाई में चल रहा युवा आंदोलन देश के लिए उम्मीद की किरण है और हर नागरिक को इसमें सहयोग करना चाहिए।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
















