बिलकीस बानो के गुनहगारों की रिहाई के विरोध में महिला स्वराज ने पूरे देश में किया प्रदर्शन

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29 अगस्त। गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत 15 अगस्त को बिलकीस बानो केस के 11 आजीवन सजायाफ्ता दोषियों को रिहा कर दिया गया। इस फैसले से पूरा देश सकते में है। वहीं विपक्ष भी लगातार बीजेपी और गुजरात सरकार को घेर रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुका है। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई भी हुई है।

बिलकीस बानो के गुनहगारों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले के विरोध में स्वराज इंडिया से जुड़े महिला संगठन- महिला स्वराज- ने तेलंगाना, मैसूर, बंगलुरु, चंडीगढ़, केरल, पांडिचेरी, दिल्ली आदि जगहों पर प्रदर्शन किया। दिल्ली में विरोध प्रदर्शन जंतर-मंतर पर हुआ। स्वराज परिवार के अन्य साथी भी इसमें शामिल हुए। प्रदर्शन में शामिल निशांत ने बताया, कि जब तक दोषियों की फिर से गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली समेत 4 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की माँग की है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “सवाल यह है कि गुजरात के नियमों के तहत दोषी छूट के हकदार हैं या नहीं? हमें यह देखना होगा, कि क्या छूट देते समय यह ध्यान रखा गया था या नहीं।”

दूसरी ओर आईआईएम बेंगलुरु के फैकल्टी ऑफ स्टाफ ने सीजेआई को खत लिखकर गैंगरेप पीड़िता बिलकीस बानो के लिए न्याय की माँग की है। सीजेआई को लिखे पत्र में प्रीमियर बिजनेस स्कूल के वरिष्ठ संकाय सदस्यों सहित 54 हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा, कि छूट न केवल न्याय से इनकार है, “बल्कि बिलकीस बानो और उनके परिवार के लिए एक वास्तविक और तत्काल खतरा भी प्रस्तुत करती है।” उन्होंने पत्र में लिखा है, कि इन दोषियों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार चौंकानेवाला है। हम किस तरह के राष्ट्र में बदल रहे हैं!

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रविवार की शाम बिलकीस बानो के गुनहगारों की रिहाई का महिलाओं ने कड़ा विरोध किया। जॉइंट ऐक्शन कमेटी बीएचयू और दखल संगठन के नेतृत्व में स्टूडेंट्स व एक्टविस्टों ने बीएचयू गेट से लंका रविदास चौराहे तक मार्च निकाला और पर्चे बांटे। साथ ही बीएचयू गेट पर बिलकीस बानो के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया। बलात्कारियों की रिहाई के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की प्रबुद्ध महिलाओं और स्टूडेंट्स गुस्से में हैं। हस्ताक्षर अभियान के दौरान बीएचयू गेट पर हुई सभा में एक्टिविस्ट डॉ. मुनिजा रफीक खान ने बिलकीस बानो पर हुए अत्याचार पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा, “गुजरात दंगे के समय बिलकीस के साथ भाजपा समर्थित अपराधियों ने गैंगरेप किया और परिवार के कई लोगों को मार डाला। जिस समय बिलकीस बानो के साथ रेप किया गया था उस समय वह गर्भवती थीं। बिलकीस बानो ने न्याय के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। आखिर में साल 2008 में 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, लेकिन 15 अगस्त को सभी बलात्कारी जेल से रिहा कर दिए गए।”

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