14 सितंबर। महाराष्ट्र के यवतमाल से किसानों की आत्महत्या के जो आँकड़े सामने आए हैं, वे हैरान करनेवाले हैं। अगस्त महीने में वहां 48 किसानों ने आत्महत्या की है। इस महीने 12 ऐसे मामले सामने आए हैं। इस साल 12 सितंबर तक 205 किसानों की आत्महत्या के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। यवतमाल जिले के कलेक्टर अमोल येगे ने यह जानकारी दी है। जिले के डीएम अमोल येगे ने बताया, कि अगस्त महीने में 48 किसानों ने आत्महत्या की है, जबकि इस महीने के बीते 12 दिनों में ही 12 किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने बताया, कि इस साल महाराष्ट्र में 12 सितंबर तक कुल 205 किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं। यवतमाल जिले में बारिश से फसल को हुए नुकसान के कारण कई किसानों ने आत्महत्या कर ली।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आत्महत्या करनेवाले एक किसान के बेटे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि “बारिश की वजह से फसल खराब हो गई थी, जिससे पिताजी बहुत निराश हो गए थे। पिताजी पर 2-3 बैंकों के 10-12 लाख रुपयों का कर्ज था। सरकार से अभी तक किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है।” यवतमाल जिले के कलेक्टर अमोल येगे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया, “हम किसानों के साथ हैं। सरकारी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, सरकारी अधिकारी उनके मुद्दों को जानने और उन्हें सरकारी योजनाओं और लाभों के बारे में सूचित करने के लिए 13-14 सितंबर को उनके साथ एक दिन बिताएंगे।
गौरतलब है, कि महाराष्ट्र के किसान मुख्य तौर पर कृषि कर्ज के चलते आत्महत्या करते हैं। बीते साल जनवरी से नवंबर 2021 तक 11 महीने की अवधि में 2,498 किसानों ने अपना जीवन समाप्त कर लिया। जबकि साल 2020 में कर्ज में डूबे 2,547 किसानों ने मौत को गले लगाया। वहीं इस साल फरवरी में सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी थी, कि 2018 से 2020 के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में 17,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की।