25 सितंबर। इसी महीने आई सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी दर देश में सबसे ज्यादा है। फिर भी मनरेगा के तहत लोग रोजगार से वंचित हैं। मनरेगा में काम न मिलने के कारण मजदूर अनवरत धरना प्रदर्शन आदि के लिए मजबूर हैं। काम और बेरोजगारी भत्ते की माँग को लेकर शुक्रवार को राज्य के कलायत में मजदूरों ने प्रदर्शन किया। क्रांतिकारी मनरेगा मजदूर यूनियन के बैनर तले मंगलवार को कई गाँव के मनरेगा मजदूरों ने कलायत उपमंडल कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जिला अधिकारी के समक्ष ज्ञापन सौंपा।
मनरेगा एक्ट के तहत 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है, लेकिन कलायत ब्लॉक के मजदूरों को मुश्किल से 30-40 दिन ही काम मिल पा रहा है। मनरेगा कानून के तहत आवदेन के 15 दिनों के भीतर अगर काम नहीं मिलता है तो आवदेक मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता देने का भी प्रावधान है। अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में रोजगार के अधिकार को भी शामिल किया गया है, लेकिन कलायत कार्यालय में मौजूद अधिकारियों द्वारा न तो समय पर काम दिया गया और न ही बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। मजदूर यूनियन ने विभाग द्वारा 16 दिवसीय काम का मस्टररोल निकाल कर मनरेगा का काम सुचारु रूप से चालू करवाने, सभी गाँवों के मेटों के लंबित भुगतान करने, नये जॉब कार्ड तय समय सीमा में बनाए जाने की माँग की है।
विदित हो, कि इसी साल जनवरी महीने में सीएमआईई द्वारा जारी किए गए पिछले साल के दिसंबर महीने की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में है। यहाँ बेरोजगारी दर 34.1 फीसदी दर्ज की गयी। सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा देशभर में बेरोजगारी दर में पहले स्थान पर है।
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