30 सितंबर। लगभग 200 किलोमीटर और 9 दिनों की ‘बिलकिस बानो से माफी’ पदयात्रा जो 26 सितंबर को रंधिकपुर स्थित बिलकीस के गाँव से शुरू होनी थी, और 4 अक्टूबर को अहमदाबाद में समाप्त होनी थी, जिसे कुछ किलोमीटर तक कम कर दिया गया और शेष दूरी पुलिस वाहन द्वारा तय की गई। नरेंद्र परमार, डी. गोपालकृष्ण, नितेश गंगारमानी, तनुश्री गंगोपाध्याय, कौशराली सैय्यद, नूरजहाँ दीवान, हनीफ कलंदर और संदीप पांडेय सहित 8 लोगों को 25 सितंबर की रात को गोधरा में पुलिस ने हिरासत में लिया गया था। जबकि स्थानीय पार्षद को छोड़ दिया गया। हनीफ कलंदर, नूरजहाँ दीवान और तनुश्री गंगोपाध्याय को गोधरा से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित कंकनपुर थाने भेज दिया गया था। उन्हें अगले दिन इस शर्त पर छोड़ा गया, कि वे गोधरा नहीं जाएंगे और उन्हें पंचमहल जिले की सीमा पर ले जाया जाएगा। खेड़ा जिले के सेवलिया थाने की पुलिस द्वारा जब उन्हें हिरासत में लिया गया था, तब पदयात्रा ने शायद ही महिसागर नदी को पार किया था। तनुश्री गंगोपाध्याय, नितेश गंगारमानी, राजेश्वर ब्रह्मभट्ट, प्रवीण पटेल, हरेश रावल, राजीव सिंह कुशवाहा, कृष्णेंदु चटर्जी, डी. गोपालकृष्ण, कौशराली सैय्यद और संदीप पांडेय सहित 10 लोगों को इस बार हिरासत में लिया गया और उन्हें थाने में रात बिताने को कहा गया। अगले दिन 27 सितंबर को उन्हें अहमदाबाद लाया गया और ओधव पुलिस स्टेशन से रिहा कर दिया गया।
संदीप पांडेय ने बिलकीस बानो के साथ हुए अन्याय के विरोध में कंकणपुर थाने में ही अनशन शुरू कर दिया और पदयात्रा शुरू होने की इजाजत मिलने पर अनशन तोड़ दिया, लेकिन सेवलिया थाने में 27 सितंबर की सुबह फिर से अनशन शुरू कर दिया। अनशन का आज तीसरा दिन है। दो अभियान चलाए गए हैं, पहला पदयात्रा की अवधि तक एक रिले उपवास #NavratriFastForBilkisBano और दूसरा 2 अक्टूबर को एक दिन का उपवास #BapuFastsForBilkis। लोग इसके लिए यहाँ पंजीकरण कर सकते हैं:- https://forms.gle/5emXt7xA978AF7dw8
यह भी तय किया गया है, कि लोग बिलकिस बानो के लिए एकजुट होकर राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर सरकार से बिलकिस बानो के 11 बलात्कारियों और उनके परिवार के सदस्यों के हत्यारों को वापस जेल में डालने के लिए अनुरोध करेंगे।
– कलीम सिद्दीकी, अमिता बुच