बिहार में आशा कार्यकर्ताओं ने लंबित माँगों को लेकर किया दो दिवसीय धरना-प्रदर्शन

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2 अक्टूबर। बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ के आह्वान पर उनकी लंबित माँगों के प्रति सरकार की उदासीनता और पीएचसी में बीसीएम की घूसखोरी के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन के तहत राज्य के 150 से ज्यादा पीएचसी पर धरना-प्रदर्शन किया गया, और माँगों से संबंधित माँगपत्र चिकित्सा प्रभारी को सौंपा गया। पूरे राज्य में बड़ी संख्या में आशाकर्मियों ने इस आंदोलन में शिरकत की। मीडिया के हवाले से आशा आंदोलन की नेता शशि यादव ने बताया, कि हमने राज्य के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव से मिलकर ज्ञापन दिया है, और माँग की है, कि महागठबंधन के चुनावी घोषणापत्र को यथाशीघ्र लागू किया जाए।

सरकार की उदासीनता और आशाओं के साथ उम्र की विसंगतियों को दूर करने को लेकर अधिकारियों के जरिये पैसा वसूली अभियान के खिलाफ आक्रोशित आशाओं ने आंदोलन के जरिये सरकार पर दबाव बनाया है। उन्होंने कहा, कि भाजपा के मंत्री ने मासिक मानदेय को प्रोत्साहन राशि कर दिया। जिसे बदलकर मानदेय करने की माँग हर आशा की है। जीने लायक मासिक मानदेय की घोषणा सरकार को जल्द करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सरकार अगर आशाओं-आशा फैसिलिटेटर की माँगों को पूरा नहीं करती है, तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। इसकी लिखित सूचना जल्द ही विभाग को दी जाएगी। आज के कार्यक्रम का नेतृत्व आशा नेता कुसुम, कविता, सुनैना, अनुराधा, प्रमिला, देवनीत, चंद्रकला, कल्याणी आदि ने किया।

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