किसानों के लांग मार्च ने की नफरती भाषणों की निंदा

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17 मार्च. महाराष्ट्र समेत भारत के किसानों की आर्थिक, सामाजिक मांगों को उठाने वाली अखिल भारतीय किसान सभा ने शांति, सामाजिक व न्याय की राजनीति की वापसी के लिए प्रयासों की अपील की है।

सभा ने महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ दुष्प्रचार व नफरत फैलाने वाले भाषणों, भड़काऊ नारेबाज़ी वाले कार्यक्रमों के आयोजनों को होने देने की निंदा की है। 14 दिसंबर, 2022 से ऐसे नफरती कार्यक्रमों को जिला व राजनीतिक प्रशासन होने दे रहा है जिसने आबादी के एक बड़े हिस्से की चिंता बढ़ाई है जबकि वह पहले से बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और कृषि संकट से जूझ रहा है।

किसान सभा ने महाराष्ट्र के सभी लोकतांत्रिक और शांति व न्यायप्रिय संगठनों से इस योजनाबद्ध नफरती दुष्प्रचार का मुकाबला एकजुटता, उम्मीद, भाईचारे व एकता के संदेशों से करने की अपील की है।

डॉ. अशोक धवले, जे पी गावित, पूर्व विधायक डॉ. अजित नवले, विदोन निकोल, विधायक मरियम धवले, डॉ. डी एल कराड, उमेश देशमुख आदि ने कहा, मजदूर व किसान आंदोलनों और फुले, शाहू व आंबेडकर जैसे नेताओं के गौरवशाली इतिहास वाले प्रदेश महाराष्ट्र को दक्षिणपंथी, प्रतिगामी व नफरती ताकतों से खतरा है। हम महाराष्ट्र में अपने लोगों के बीच कोई दरारें नहीं चाहते। हम अपने प्रदेश में एकता, एकजुटता व शांति चाहते हैं। महाराष्ट्र व भारत  की विशाल बहुसंख्य आबादी हमारे संविधान से जुड़े बराबरी, भाईचारे, गैरभेदभाव के मूल्यों के प्रति समर्पित है।

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