3 अक्टूबर। पुदुचेरी में विद्युत विभाग के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने पुदुचेरी सरकार द्वारा राज्य में विद्युत वितरण प्रणाली को ठेके पर देने के फैसले के खिलाफ निर्णायक और अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है, और इस सम्बन्ध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। पुदुचेरी सरकार ने सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में राज्य में विद्युत वितरण के निजीकरण की घोषणा करते हुए निविदा निकाली है। सरकार द्वारा निविदा निकालने की अधिसूचना जारी करने के खिलाफ बिजली महकमे में कार्यरत पूरा कार्यबल जिसमें इंजीनियर्स भी शामिल है, 28 सितंबर 2022 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद से पूरा राज्य अंधेरे में डूबा हुआ है, यहाँ तक कि वाटर्स पंप और स्ट्रीट लाइट्स भी बंद पड़ी है। लोगों ने सरकार के विद्युत वितरण के निजीकरण के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। विद्युत विभाग का निजीकरण करते हुए उसको ठेके पर देने के अपने फैसले को वापस लेने के बजाय भाजपा-एनआर कांग्रेस शासित पुदुचेरी सरकार ने, हड़ताली कर्मचारियों और इंजीनियरों को डराना धमकाना शुरू कर दिया है। डॉ. तिमिलिसाई सुंदरराजन केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं, ने हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए विद्युत वितरण के कार्य में बाधा डालनेवाले तत्वों को रोकने के लिए राज्य में अर्द्धसैनिक बल तैनात कर दिया है। इसके अलावा कर्मचारियों को एस्मा लागू करने की धमकी दी है।
पुदुचेरी सरकार का यह कारनामा भाजपा सरकार द्वारा पूरे देश में बिजली का निजीकरण करने के मंसूबे का एक शुरुआती परीक्षण है। मगर सरकार की कोई भी धमकी आंदोलनरत कर्मचारियों को झुकाने में कामयाब नहीं हो पाई है। इसके विपरीत विभिन्न राज्यों की बिजली कर्मचारियों की यूनियनें पुदुचेरी राज्य विद्युत कर्मचारियों और इंजीनियरों के समर्थन में उतर आई हैं। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर फेडरेशन जो सत्ताईस लाख बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों का अखिल भारतीय संगठन है, ने पुदुचेरी सरकार के इस कृत्य की आलोचना करते हुए आंदोलनकारी हड़ताली कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया है। तमिलनाडु राज्य के विभिन्न जन संगठन और यूनियनें पुदुचेरी पहुँच रहे हैं और हड़ताली कर्मचारियों के धरने में प्रतिदिन शामिल हो रहे हैं। न्यू डेमोक्रेटिक लेबर फ्रंट (एनडीएलएफ), स्टेट कोऑर्डिनेशन कमिटी (घटक मासा) ने भी हड़ताली बिजली कर्मचारियों का समर्थन किया है।
(‘मेहनतकश’ से साभार)