10 अक्टूबर। हिजाब न पहनने पर ईरान की धार्मिक पुलिस का शिकार बनी महसा अमीनी की मौत के बाद हिजाब की अनिवार्यता का विरोध कर रही मुस्लिम महिलाओं ने सरकार को घुटनों पर ला दिया है। नार्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स के अनुसार, सरकार विरोधी इन प्रदर्शनों में अब तक 185 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 19 बच्चे भी शामिल हैं। विदित हो, कि अमीनी को ढीले-ढाले तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में 13 सितंबर को हिरासत में लिया गया था। आरोप है, कि पुलिस ने हिरासत में उनके साथ मारपीट की, जिससे वह कोमा में चली गई थीं और 16 सितंबर को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
News Track live की रिपोर्ट के मुताबिक, अमीनी की मौत के अगले दिन उनके जनाजे से शुरू हुआ सरकार विरोधी प्रदर्शन ईरान सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के सत्ता से हटने की माँग कर रहे हैं। वहीं सरकार ने इन प्रदर्शनों को अमेरिका समेत ईरान के दुश्मनों की साजिश बताया है। ईरान सरकार के अनुसार, इन प्रदर्शनों में 20 सुरक्षाकर्मियों की भी जान गई है।
ईरानी शासन के विरोध में सैकड़ों हाई-स्कूल की लड़कियां और विश्वविद्यालय के छात्र भी शामिल हुए। महिलाओं ने अपना हिजाब उतार दिया। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। महिलाओं ने ‘तानाशाह की मौत’ के नारे भी लगाए। ईरान के मुख्य समाचार चैनल को भी हैक कर लिया गया है। हैकर्स ने प्रदर्शनकारियों की तस्वीरों को हटाकर अली खामेनेई की तस्वीर लगा दी। इस घटना की जिम्मेदारी हैक्टिविस्ट समूह एडलत-ए अली ने ली है।
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