20 अक्टूबर। जहाँ एक तरफ सरकारें आदिवासी बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने का दम भरती है। साथ ही इनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए संवैधानिक प्रावधानों के साथ राज्यों के कानूनों में भी तमाम धाराएँ जोड़ी गयी हैं। वहीं संकीर्ण मानसिकता के लोग कानूनों के उल्लंघन के साथ-साथ मानवता को भी शर्मसार करते रहते हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के बिधूना कस्बे का है। जहाँ एक सरिया विक्रेता ने तीन आदिवासी अबोध बच्चों पर सरिया चोरी का आरोप लगाकर उनके सिर मुड़वा दिए और कथित रूप से गाली-गलौज व पिटाई की। इसके बाद बच्चों का बाजार में जुलूस भी निकाला। बच्चों के साथ हुए अन्याय से लोग आक्रोशित हो गए। मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस ने बच्चों के परिजनों को समझा-बुझाकर और कार्रवाई करने का भरोसा देकर बच्चे उनके सुपुर्द कर दिए। वहीं पुलिस ने सरिया विक्रेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
‘मूकनायक’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों की उम्र क्रमशः 10, 9 व 8 साल है। तीनों बच्चों में एक बच्चा अनाथ है। अन्य दो बच्चों के पिता नहीं हैं। पीड़ित बच्चों के परिजनों ने बताया कि सुबह तीनों बच्चे गाँव से बिधूना गए थे। वहाँ पहुँचने पर बेला बाईपास पर स्थित सरिया विक्रेता राजीव कुमार गुप्ता ने अपने साथियों के साथ तीनों अबोध बच्चों को सरिया चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ लिया। बाद में बच्चों के सिर मुंडवा कर गाली-गलौज व पिटाई की। सड़कों-चौराहे पर घुमाया गया और बाद में उन्हें पुलिस को सौंप दिया गया। बच्चों को बेइज्जत कर सरेआम सिर मुड़वा कर सड़कों पर घुमाए जाने से आक्रोशित लोगों ने स्थानीय थाने में शिकायत की। कोतवाल जीवाराम ने मीडिया के हवाले से बताया, कि तीनों बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है, और प्रकरण दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लिया गया है।