जश्न के बाद जहरीली हवा; जहरीली हवा से देश में एक साल में लगभग 16 लाख लोगों की मौत

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25 अक्टूबर। धूमधाम से दिवाली का जश्न मनाने के बाद अब साँस लेने में दम घुटने लगा है। भारत में हर साल वायु प्रदूषण से निपटने की एक बड़ी चुनौती रही है। ऊपर से होली, दिवाली जैसे त्योहार पर जमकर पटाखे फोड़ते हैं, जिससे हवा और ज्यादा जहरीली बन जाती है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि जहरीली हवा से देश में एक साल में लगभग 16 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इस बात का खुलासा बीते महीने जारी एक रिपोर्ट में चुका है। इतना ही नहीं आप जानकार हैरान हो जाएंगे, कि इस वजह से देश को 2.71 लाख करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है।

गौरतलब है, कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भले ही दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी साबित हुई हो, लेकिन आर्थिक राजधानी मुंबई भी इससे अछूती नहीं है। दिल्ली एनसीआर का ये हाल दिवाली की रात पटाखा फोड़ने की वजह से हुआ है। स्विस संगठन आईक्यूएयर के अनुसार, पराली जलाने, पटाखे फोड़ने और मध्यम प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब हो गया है। सीपीसीबी के अनुसार, 301 और 400 के बीच एक्यूआई को बहुत खराब माना जाता है। ऐसी हवा में लंबी समय तक रहने पर सांस की बीमारी हो सकती है। अगर ऐसे में हवा की गुणवत्ता गंभीर (401-500) होने से सिर्फ एक कदम दूर है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 70 लाख मौतें वायु प्रदूषण के कारण हो रही हैं। दस में से नौ लोग वर्तमान में डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित प्रदूषण सीमा से अधिक प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। अगर भारत की बात करें, तो आप जानकर हैरान हो जाएंगे, कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में एक साल में लगभग 16 लाख लोगों की मौत हो गई थी। वायु प्रदूषण की वजह से देश को 2.71 लाख करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है। कोरोना आने के बाद जब देश में लॉकडाउन लगाया गया तो उस समय एक अच्छी रिपोर्ट आई थी, कि दुनिया भर में देशों की हवाओं में काफी स्वच्छता आ गई थी।

तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। इससे कैंसर समेत कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, एक ताजा अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, कि बीमारियों के खतरे के लिहाज से तंबाकू से भी ज्यादा खतरनाक प्रदूषण है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की स्टडी में खुलासा हुआ है, कि तंबाकू की तुलना में प्रदूषण से कहीं ज्यादा लोग बीमार पड़ रहे हैं। आईसीएमआर की रिपोर्ट में पता चला है, कि पिछले साल वायु प्रदूषण की वजह से बीमार होने वाले लोगों की संख्या तंबाकू से बीमार होने वाले लोगों से ज्यादा रही है। प्रति एक लाख लोगों में से तंबाकू की वजह से 587 लोगों को दिल की बीमारियां हो रही हैं, वहीं वायु प्रदूषण 667 लोगों को दिल का मरीज बना रहा है। वायु प्रदूषण गर्भवती महिलाओं के लिए और भी खतरनाक हैं। थोड़ी देर के लिए भी वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। वायु प्रदूषण से दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों में हृदय रोग, फेफड़े का कैंसर और श्वसन रोग शामिल हो सकते हैं।

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