ईरानी सरकार ने किया ‘मोरल पुलिस यूनिट’ को खत्म करने का ऐलान

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7 दिसंबर। अभिनेत्री महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पूरे ईरान में महिला-पुरुष सभी ने सड़कों पर उतरकर जिस तरह से महसा अमिनी को न्याय दिलाने के लिए हिजाब को जलाया और 75 दिनों तक लगातार आंदोलन चलाया उसने ईरान की कट्टरवादी इस्लामी सरकार को झुका दिया। रविवार को ईरान में मोरैलिटी पुलिस यूनिट को खत्म करने की घोषणा की गई है।

ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफर मोंटेजेरी ने बताया कि मोरैलिटी पुलिस यूनिट को समाप्त करने का फैसला लिया गया है। हालांकि इस खबर की पुष्टि अभी तक किसी विदेशी न्यूज एजेंसी ने नहीं की है, लेकिन बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ‘एक धार्मिक कार्यक्रम में मोंटेजेरी से जब ये पूछा गया कि क्या सरकार मोरैलिटी पुलिस को खत्म करने जा रही है, तो उनका जवाब था, “मोरैलिटी पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है। वो व्यवस्था जिस तरह बनाई गई थी, उसे अब पूरी तरह खत्म किया जा चुका है। इसका कंट्रोल गृह मंत्रालय के पास था, ना कि न्यायपालिका के पास।” लेकिन दुख की बात है कि इसके लिए 100 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

पूरी दुनिया में यही देखा जा रहा है कि जब तक सड़कों पर उतरकर लोग शहादत नहीं देते तब तक न्याय नहीं मिलता और क्रूर एवं प्रतिक्रियावादी सरकारों के कानों पर जूं नहीं रेंगती। ईरान अभी भी महिलाओं के मामले में दुनिया का सबसे संकुचित और खराब सोच वाला देश है। अगर महिलाओं के प्रति उदारता का रवैया न अपनाया गया तो ईरान में एक बड़ा इंकलाब हो सकता है, और तब वह इस्लामी बंदिशों से बाहर भी निकल सकता है। हम इसी तरह की उम्मीद रखते हैं कि आनेवाले दिनों में ईरान और सऊदी अरब में औरतें अपने पैरों में डाली गई बेड़ियों को तोड़ने के लिए जल्द ही सड़कों पर उतरेंगी, अपनी मुक्ति के लिए शहादत देंगी, उनके अंदर जज्बा है और प्रगतिशील पुरुष भी उनके साथ खड़े हैं।

(‘वर्कर्स यूनिटी’ से साभार)

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