8 दिसंबर। देश में वर्ष 2017 से 2022 के दौरान पाँच साल में सांप्रदायिक हिंसा और धार्मिक दंगों के 2900 मामले दर्ज किए गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में दी। राय ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए संसद में बताया कि 2021 में कुल 378 मामले, 2020 में 857 मामले, 2019 में 438 मामले, 2018 में 512 मामले और 2017 में कुल 732 मामले सांप्रदायिक हिंसा के दर्ज किए गए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि एनसीआरबी भीड़ द्वारा हत्या के सम्बन्ध में अलग से कोई आँकड़े नहीं रखता है।
सरकार की ओर से कहा गया, ‘एनसीआरबी ‘क्राइम इन इंडिया’ रिपोर्ट में सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त अपराध के आँकड़ों को उन विभिन्न अपराध शीर्षकों के अंतर्गत प्रकाशित करता है, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) तथा विशेष एवं स्थानीय कानूनों के तहत परिभाषित हैं। एनसीआरबी भीड़ द्वारा हिंसा के संबंध में अलग से कोई आँकड़े नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 2018 में 23 जुलाई और 25 सितंबर को राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को परामर्श जारी किए गए थे, जिसमें उनसे देश में भीड़ की हिंसा जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करने के लिए कहा गया था।
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