17 दिसंबर। प्रख्यात पत्रकार, स्वाधीनता सेनानी एवं पूर्व सांसद स्व कन्हैयालाल वैद्य की 48वीं पुण्यतिथि के अवसर पर राजेंद्र जैन सभागृह उज्जैन (मध्यप्रदेश) में ‘लोकतंत्र में चुनौतियां और समाधान’ विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि वयोवृद्ध स्वाधीनता सेनानी एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रेमनारायण नागर थे। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेस नेता शांतिलाल छजलानी ने की।
समाजवादी चितंक एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने बतौर मुख्य वक्ता अपने विचार रखे। साहित्यकार डॉ पुष्पा चौरसिया एवं समाजवादी चितंक मामा बालेश्वरदयाल के शिष्य गोरासिंह भी मंचासीन थे। कार्यकम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि 97वर्षीय स्वाधीनता सेनानी श्री नागर ने महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल के बीच आजादी के तत्काल बाद के एक संवाद का संस्मरण ताजा किया। देश में तब और अब की स्थिति की तुलना करते हुए और चिंता जाहिर करते हुए वे बोले, देश क्या था और अब क्या हो गया! गांव उजड़ रहे हैं। आजादी को खतरा पैदा हो गया है।
लोकतंत्र में चुनौतियां
मुख्य वक्ता डॉ .सुनीलम ने कहा, लोकतंत्र को बचाना है तो चुनावी व्यवस्था में सुधार करना होगा। चुनाव आयोेग इन दिनों स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर रहा है। यह सरकार की कठपुतली बन गया है। उन्होंने इस मौके पर कार्यपालिका पर भी सवाल उठाए और कहा, देश में कार्यपालिका ही सबसे ज्यादा करप्ट हो चुकी है। लोकतंत्र पर तंत्र हावी है। चुनावी तंत्र तो लोकतंत्र के खिलाफ कार्य कर रहा है। यहां तक कि देश का सामाजिक ताना-बाना भी लोकतंत्र के विरोध में खड़ा है। आज तानाशाही से संविधान को कुूचला जा रहा है। सामाजिक व्यवस्था ने भी प्रजातंत्र को कबूल नहीं करने का कार्य किया है। देश में बाजारवाद हावी है। राजनीति पर धनतंत्र का दबदबा है। आज देश में यह स्थिति है कि किसी भी दल में एक ईमानदार कार्यकर्ता के लिए चुनावी टिकट के लिए कोई गुजाइंश नहीं बची हैै।
डर खत्म उस दिन बदलाव
समाधान के सवाल पर डॉ .सुनीलम ने कहा कि सरकार एवं राजनेताओं के भरोसे बैठने से यह तब्दीली नहीं आ सकती। नागरिकों को आगे आना होगा। लोकतंत्र को बचाने के लिए बुद्धिजीवी भी खडे़ होकर बोलने को तैयार नहीं हैं। विरोध करने पर परिणाम का डर आज सभी को सता रहा हैै। इस डर को निकालना होगा। जिस दिन डर दूर हो जाएगा उस दिन देश में बदलाव आ जाएगा।
जनादेश के विपरीत सरकार गठन की चर्चा करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि जब विधायकों को प्रलोभन देकर, खरीद-फरोख्त करके सरकार बना ली जाती है तो क्या इसे लोकतंत्र कहेंगे। मीडिया की बाबत उन्होंने कहा कि आज मीडिया पर पूंजीपतियों का कब्जा है। आज एक वैकल्पिक मीडिया की जरूरत है।
उत्तराधिकारियों का सम्मान
कार्यक्रम के प्रारंभ में राजेंद्र व्यास ने मंत्रोचार किया। प्राध्यापक मोहम्मद रफी नागोरी ने कविता पाठ किया। वरिष्ठ पत्रकार अर्जुनसिंह चंदेल, पत्रकार रामस्वरूप मंत्री एवं राहुल वर्मा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम संयोजक क्रांतिकुमार वैद्य ने स्वागत भाषण दिया। इस मौके पर राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा के महानियंत्रक केसी सादव ने वैध स्मृति व्याख्यानमाला को निरंतर गति देने के लिए एक कन्हैयालाल वैद्य न्यास गठन का सुझाव रखा। जिसके लिए पत्रकार क्रांतिकुमार वैद्य का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया। कार्यक्रम में सेनानी श्री नागर का सम्मान मप्र खादी संस्था संघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रदीप जैन ने किया। इस मौके पर मप्र स्वाधीनता सेनानी उत्तराधिकारी संघ के प्रदीप उपाध्यक्ष संजय चौबे ने सेनानी परिवार के उत्तराधिकारियों का सम्मान किया। पत्रकार विश्वास शर्मा क्रे संपादन में मालवा संवाद पाक्षिक समाचार पत्र का विमोचन अतिथियों ने किया। पत्रकार मोर्चा की ओर से पत्रकार प्रेमचंद द्वितीय (बडनगर,) कमलेश तलरेचा (थांदला) जवाहर डोषी (महिदपुर) आदि का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने स्व वैद्य एवं उनकी धर्मपत्नी स्व रूपकुंवर वैद्य की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। संचालन नरेश सोनी ने और धन्यवाद ज्ञापन कैलाश सनोलिया ने किया।
समारोह में बड़ी संख्या में सेनानी परिवार एवं गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।