वन विभाग के अधिकारी लापता, किसान संगठन मिलने पहुंचे तो एक भी अधिकारी दफ्तर में नहीं मिला
3 जनवरी। जिले भर में नीलगाय का आतंक है। झुंड के झुंड नीलगाय खेतों में घुस रही हैं, किसानों की सभी फसलों को बर्बाद कर रही हैं। गेहूं, चना, आलू, प्याज, लहसन की फसलें तबाह हो रही हैं। जब किसान खेत में नीलगाय को भगाने की कोशिश करता है, तो उलटे उसी को हमले के डर से भागना पड़ता है।
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव और अन्य किसान इस समस्या को लेकर क्षेत्रीय वन मंडल अधिकारी के कार्यालय में डीएफओ और अन्य अधिकारियों से मिलने पहुंचे तो सभी अधिकारी दफ्तर से गायब थे। उपस्थित डीएफओ के निजी सचिव तथा अन्य मौजूद कर्मचारियों से जानकारी ली तो बताया गया कि सभी अधिकारी दौरे पर या मीटिंग में हैं। एक भी अधिकारी नहीं मिला। डीएफओ को फोन पर संपर्क करने की भी कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया ।
नीलगाय की समस्या से वन विभाग और जिला प्रशासन भी वाकिफ है तथा विधानसभा में भी यह मुद्दा उठ चुका है।देपालपुर के कांग्रेसी विधायक विशाल पटेल का कहना है कि सरकार ने नीलगाय को गोली चलाकर मारने की इजाजत दे दी है, बशर्ते उसकी मंजूरी एसडीएम से ली जाए। लेकिन किसानों के पास ना तो बंदूक है और ना ही वे किसी जानवर की हत्या करना चाहते हैं। वन विभाग की जिम्मेदारी है कि किसानों को नीलगाय जैसे जंगली पशुओं के आतंक से मुक्त कराएं लेकिन वन विभाग के अधिकारी बजाय अपना काम करने के मौज-मस्ती में जुटे हुए हैं।