17 जनवरी। ‘एनटीपीसी वापस जाओ’ के पोस्टर के बीच जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति(जेबीएसएस) ने रविवार को घोषणा की, कि वह 26 जनवरी को पूरे शहर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। समिति के अनुसार, सरकार से जोशीमठ के पुनर्वास के लिए नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन से मुआवजा लेने की माँग को लेकर ग्रामीण सड़कों और हाईवे को जाम करने के साथ ही तहसील कार्यालय पर धरना देंगे। राज्य सरकार द्वारा पहले ही राहत पैकेज की घोषणा करने और विस्थापितों एवं प्रभावित परिवारों की मदद किए जाने के बावजूद विरोध प्रदर्शन करने का कारण समझाते हुए समिति के संयोजक अतुल सती ने ‘द हिंदू’ के हवाले से बताया, कि सरकार एनटीपीसी को क्लीनचिट दे रही है, और इससे निवासियों में गुस्सा है।
सती ने मीडिया के जरिये बताया, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्तमान स्थिति को प्राकृतिक आपदा करार दिया है। यह प्राकृतिक आपदा नहीं है। उन्होंने आगे कहा, कि लड़ाई अब जोशीमठ के लोगों और एनटीपीसी के बीच है, जिसकी 500 मेगावाट तपोवन-विष्णुगढ़ परियोजना ने शहर को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने आगे कहा, कि जब एनटीपीसी ने हमारे कस्बे और घरों को नुकसान पहुँचाया है, तो सरकार इसे जवाबदेह क्यों नहीं ठहरा रही है, और पुनर्वास के लिए मुआवजा क्यों नहीं माँग रही है? हम तब तक लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक सरकार एनटीपीसी से जोशीमठ को हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर लेती