16 फरवरी। विभिन्न माँगों को लेकर मारुति सुजुकी सहित विभिन्न ट्रेड यूनियनों के मजदूरों ने गुड़गाँव स्थित डीसी कार्यालय पर धरना दिया। मारुति सुजुकी मजदूर संघ के आह्वान पर हुए प्रदर्शन में वर्ष 2012 में बर्खास्त मारुति मजदूरों, प्लांट में कार्यरत मजदूरों, हिताची और सनबीम के संघर्षरत ठेका मजदूरों और मारुति की वेंडर प्लांट बेलसोनिका के मजदूरों का ऊर्जापूर्ण समागम हुआ। साथ ही मारुति के अन्य प्लांटों व हीरो की यूनियन, जन संघर्ष मंच हरियाणा, मजदूर सहयोग केंद्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र, इफ्टू(सर्वहारा), ग्रामीण मजदूर यूनियन बिहार, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान व विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने भी प्रदर्शन में मौजूदगी दर्ज कराई।
प्रदर्शन में भाग लेने वाले सभी वक्ताओं ने मीडिया के जरिये बताया, कि एक दशक बीत जाने के बाद भी मारुति के निकाले हुए मजदूर संघर्ष की राह पर लगातार डटे हैं, जोकि देश के मजदूर आन्दोलन के इतिहास में एक मिसाल है। मजदूरों ने मीडिया के हवाले से बताया, कि मजदूर अपने हक की लड़ाई के लिए देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों और प्रशासनिक कार्यालयों पर धरने दे चुके हैं, लेकिन मजदूरों और उनके परिवारों को हर जगह से निराशा ही हाथ लगी है। मजदूरों ने आगे कहा कि न्यायपालिका हो या श्रम विभाग सब मालिकों के खेमे में खड़े पाए गए हैं। सरकारें यूनियनों को खत्म करने की फिराक में लगी हैं, मजदूर विरोधी कानूनों को लागू किया जा रहा है। मजदूरों ने आगे कहा कि हमारी मंजिल का रास्ता संघषों से ही होकर गुजरता है।