28 फरवरी। वर्ष 2020 में महामारी से उबरने के बाद 2021 में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों सहित केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की नई पेंशन योजना(एनपीएस) के तहत ग्राहकों की संख्या 2022 में 8.8% घटकर 565,500 रह गई। गौरतलब है, कि केंद्र और राज्यों ने सभी सरकारी नौकरियों के लिए एनपीएस को अनिवार्य कर दिया है, इसलिए विश्लेषकों का मानना है, कि एनपीएस को सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा नए रोजगार सृजन के लिए एक प्रॉक्सी माना जा सकता है। हालाँकि राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पंजाब सहित कुछ विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने हाल ही में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) में वापसी की घोषणा की है, जिससे उन्होंने एनपीएस को छोड़ दिया है।
केंद्र सरकार के तहत 2022 में एनपीएस में शामिल होने वाले कुल 118,020 नए ग्राहकों में से युवा ग्राहकों (18-28 वर्ष) की हिस्सेदारी पिछले वर्ष के 67.8% से घटकर 65.2% हो गई। हालांकि नई महिला युवा ग्राहकों की हिस्सेदारी 2% बढ़कर नए युवा ग्राहकों की संख्या 21.2% हो गई है, जबकि नए युवा पुरुष ग्राहकों की संख्या दी गई समय सीमा में 78.9% से घटकर 78.6% हो गई।
विदित हो कि बड़ी संख्या में राज्यों ने भी एनपीएस को अपनाया है, कई राज्यों ने अब ओपीएस की वापसी की घोषणा की है, इसका उपयोग सभी राज्य सरकारों द्वारा बनाई गई नौकरियों की कुल संख्या को मापने के लिए एक सटीक प्रतिनिधि के रूप में नहीं किया जा सकता है। फिर भी 2018 और 2022 के बीच एनपीएस वाले राज्यों द्वारा कुल 2.4 मिलियन नए रोजगार सृजित किए गए, जिनमें से युवाओं को केवल 856,978 नौकरियां (36.2%) मिलीं। 2018 में युवाओं की हिस्सेदारी 35.6 फीसदी थी।