गुजरात में मुआवजे की आस लगाये बैठे हैं सीवर सफाई में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिवार

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18 मार्च। वैसे तो गुजरात में पिछले कई सालों से भाजपा का एकछत्र राज है, और वाकई में ये ‘राज’ ही है, क्योंकि प्रजा के हालात जो दिखाए जाते हैं, वास्तविकता उससे कोसों दूर है। इस प्रजा में हालात तो सभी के खराब हैं, लेकिन मजदूर तो अपनी आखिरी सांसों की कीमत के लिए भी तरस रहा है।

इसका जीता-जागता उदाहरण तब सामने आया, जब विधानसभा में कांग्रेस के विधायक इमरान खेड़ावाला ने सवाल किया कि गटर की सफाई करने वाले मजदूरों की अगर मौत हो जाती है, तो उनके परिवार को सरकार की ओर से मुआवजा कितना दिया जाता है। इस सवाल का सरकार ने लिखित में जवाब दिया, जिसमें मालूम हुआ कि पछले दो साल में 11 मजदूरों की मौत गटर में सफाई के दौरान हुई है। इनमें से अभी तक महज 5 परिवारों को ही मुआवजा दिया गया है। जबकि 6 पीड़ित परिवारों को अभी तक कोई मुआवजा राशि नहीं मिली है।

वर्ष 2021 से 2022 तक 7 सफाईकर्मियों की मौत हुई है। जिनमें से 5 परिवार के सदस्यों को 50 लाख रुपये की सहायता दी गई है। यानी हर एक मृतक मजदूर के परिवार को 10 लाख रुपये की मदद की गई है। सरकार की ओर से ये भी बताया गया कि साल 2021 से 2023 तक कुल 6 सफाई कर्मचारियों के परिवारों को सहायता राशि मिलनी बाकी है। जिसमें प्रति परिवार 10 लाख रुपये दिए जाने हैं, जबकि साल 2022 और 2023 में कुल 4 सफाईकर्मियों की मौत होने की जानकारी सामने आई है। इन लोगों को अभी तक सहायता राशि का भुगतान नहीं किया गया है।

(‘न्यूज क्लिक’ से साभार)

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