श्रमिक जनता संघ के नेतृत्व में 2000 दिन से चल रहा है सेंचुरी श्रमिकों का आंदोलन
6 अप्रैल। इंदौर में श्रमिक जनता संघ के नेतृत्व में खरगोन जिले की सेंचुरी मिल को अवैधानिक तरीके से ओने-पौने दाम पर बेचे जाने तथा स्टांप चोरी सहित मजदूरों के हकों पर कुठाराघात किए जाने के खिलाफ गुरुवार को सेंचुरी के सैकड़ों श्रमिक इंदौर आए और उन्होंने श्रम आयुक्त और संभागायुक्त कार्यालय के समक्ष सुबह 10 बजे से उपवास शुरू किया। उनकी भूख हड़ताल का नेतृत्व मेधा पाटकर कर रही थी। इंदौर के विभिन्न संगठनों ने रामस्वरूप मंत्री, प्रमोद नामदेव, बबलू जाधव ,लखन सिंह डाबी, जयप्रकाश गुगरी, मुकेश चौधरी, मोहम्मद अली सिद्धकी, डीएस मिश्रा सहित कई नेताओं के नेतृत्व में पंहूचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
भूख हड़ताल के दौरान ही संभागायुक्त श्री पवन कुमार शर्मा से आंदोलनकारियों का 10 सदस्य प्रतिनिधि मंडल मुलाकात करने पहुंचा और उन्हें सिलसिलेवार तरीके से सेंचुरी के श्रमिकों की समस्याओं से अवगत कराया। फर्जी तरीके से मिल की बिक्री किए जाने, हाई कोर्ट में लगातार सुनवाई को टाले जाने, श्रम आयुक्त अधिकारियों द्वारा सेंचुरी के श्रमिकों के साथ न्याय नहीं करने और कोर्ट के निर्णय की जानकारी देते हुए मांग की कि मजदूरों के हकों पर कुठाराघात करने वालों पर कार्रवाई हो तथा औद्योगिक क्षेत्र में अशांति ना फैले ऐसी व्यवस्था की जाए। आधे घंटे तक संभागायुक्त ने ध्यान से सभी समस्याओं को सुना। विभिन्न आदेशों को, जिसमें हाई कोर्ट और ट्रिब्यूनल के आदेश भी थे, देखा तथा कहा कि इस संबंध में वे राज्य शासन से और अन्य अधिकारियों से चर्चा करेंगे तथा 10 दिन बाद फिर मीटिंग करेंगे।
इसी बैठक में नर्मदा बचाओ आंदोलन संबंधी तथा संत्राटी स्थित मराल ओवरसीज कंपनी के मजदूरों की समस्याओं से भी संभागायुक्त को अवगत कराया। संभागायुक्त ने विश्वास दिलाया है कि वह मजदूरों की हर संभव समस्या हल करने कीकोशिश करेंगे। तय हुआ है कि 19 अप्रैल को दोपहर 12:00 बजे फिर संभागायुक्त के साथ त्रिपक्षीय मीटिंग होगी। जिसमें समस्या का समाधान खोजा जाएगा।
– रामस्वरूप मंत्री