आजादी के 75 साल बाद भी ऐसी तस्वीर; पानी लेने गए बुजुर्ग दलदल में फँसे

0

9 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की बीजेपी सरकार सूबे के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है। बीते विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री जी ने यूपी+योगी= उपयोगी शब्द का जबरदस्त शंखनाद किया था। लेकिन धरातल पर तस्वीर कुछ और ही है। योगी जी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार पाँच साल सत्ता में रहने के बावजूद हमीरपुर जिले के बीहड़ गाँव में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं कर सकी है। जिसके चलते ग्रामीण गाँव के बाहर बह रही केन नदी से पानी पीने को मजबूर हैं। गाँव के बाहर बह रही केन नदी से पानी लेने गए दो ग्रामीण दलदल में फँस गए। दोनों को दलदल में धंसता देख मौके पर मौजूद गाँव के लोगों में अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह दोनों को दलदल से बाहर निकाला। शनिवार को दलदल में धँसते दोनों ग्रामीणों और ग्रामीणों के रेस्क्यू आपरेशन की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल होने पर लोग दंग रह गए।

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हमीरपुर जिले के मौदहा तहसील के अनेक गाँव बीहड़ में बसे हैं। छानी, गऊघाट, बक्छा, खैर व गढ़ा समेत आधा दर्जन गाँवों में पानी का संकट वर्षों से है। इन गाँवों के लोग बैलगाड़ी, साइकिल और ट्रैक्टर आदि विभिन्न साधन से केन नदी का पानी भरकर आज भी लाते हैं। हाल में ही आई बाढ़ और लगातार हो रही बारिश से केन नदी के किनारे दलदल हो गए हैं। गऊघाट व छानी गाँव निवासी छोटेलाल व चेहतू पानी भरने केन नदी लेने गए थे, तभी दोनों नदी के दलदल में फँस गए। पानी के बर्तन फेेंक कर दोनों ने मदद की गुहार लगाई। शोर सुनकर तमाम ग्रामीणों आनन-फानन में दोनों को बाहर निकाला। रेस्क्यू में कई घंटे लग गए। ग्रामीणों ने बताया, कि यदि दोनों को समय रहते रस्सी के सहारे बाहर नहीं निकाला जाता तो दोनों की दलदल में समाधि बन जाती।

आजादी के 75 साल बीत गए हैं, लेकिन बीहड़ के तमाम गाँवों में पानी के कोई इंतजाम नहीं हुए। इन गाँवों में पानी खारा है जिसके कारण गाँव के लोग केन नदी से पानी लाने को मजबूर हैं। प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के सभी सातों जिलों में घर-घर पानी पहुँचाने के लिए ‘हर घर नल योजना’ शुरू की है। ग्रामीणों ने मीडिया के हवाले से बताया, कि आसपास के इलाकों में पानी खारा होने के कारण पेयजल योजनाएं भी इन गाँवों असफल हैं।

Leave a Comment