मप्र में आंदोलन कर रही आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं पर मुकदमा

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17 अप्रैल। मध्य प्रदेश में मानदेय वृद्धि और नियमितीकरण समेत अन्य माँगों को लेकर आंदोलनरत आशा-ऊषा कार्यकर्ता और शिवराज सिंह सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं। प्रशासन के आश्वासन के बाद मुख्यमंत्री से मिलने उनके कार्यक्रम में पहुँची इन कर्मियों को कथित तौर पर पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। इन्होंने ‘न्यूज क्लिक’ के जरिये बताया कि ग्वालियर के आंबेडकर महाकुंभ में घंटों शांतिपूर्ण रूप से धूप में बैठने के बाद भी जब इन्हें सीएम से नहीं मिलने दिया गया, तो मजबूरन इन लोगों को चक्का जाम करना पड़ा, जिसके बाद आठ कर्मियों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

इतना ही नहीं, अधिकारियों द्वारा सीएम के आदेश पर इनके बीते 6 महीने के रिकार्ड्स भी चेक करने के लिए मंगवाए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्वालियर में बीते रविवार को आंबेडकर महाकुंभ कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को सुबह से बैठा कर रखा गया था। प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी सीएम शिवराज से मुलाकात करवाई जाएगी। इसके बावजूद उन्हें सीएम तक पहुँचने नहीं दिया गया। जिसके बाद मजबूरन सभी आशा कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर सीएम शिवराज सिंह चौहान का काफिला रोकने के लिए घेराव किया, जहाँ उनकी और पुलिस की धक्का-मुक्की भी हुई। इस पूरी घटना को लेकर पुलिस ने कुल आठ आशा कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया है।

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