4 मई। झारखंड के जमशेदपुर में बिरसा चौक साकची गोलचक्कर पर साझा नागरिक मंच और किसान आंदोलन एकजुटता मंच की पहल पर जंतर मंतर दिल्ली में धरना दे रही महिला पहलवानों के साथ एकजुटता में प्रदर्शन और सभा की गयी।
इस प्रदर्शन व सभा में जमशेदपुर के अनेक समुदायों और धाराओं की प्रभावशाली भागीदारी रही। 85 से ज्यादा उम्र की शहर की सुख्यात महिलावादी नेतृत्वकर्ता अंजली बोस इसमें पूरे समय शामिल रहीं। किसान आंदोलन के समर्थन में जमशेदपुर में लगातार अभियान चलाने वाले और अभी शहर के केन्द्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रमुख भगवान सिंह और उनकी टीम भी थी। झारखंड आंदोलनकारियों और दलित संगठन के नेतृत्वकर्ता साथियों की भी भागीदारी रही।
प्रदर्शन और सभा में सजे पोस्टरों और वक्ताओं के वक्तव्यों में इस प्रकरण पर बहुत सी बातें कही गयीं। आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से हटाने तथा गिरफ्तार करने की माँग बार बार आयी। केन्द्र की भाजपा सरकार तथा मोदी, शाह, अनुराग ठाकुर की चुप्पी को महिला विरोधी, दुराचारी संरक्षक भूमिका के रूप में देखा गया। दुनिया में अपनी प्रतिभा का झंडा गाड़ चुकी, भारत की शान महिला पहलवानों ने दो दो बार धरना दिया है तब जाकर एफआईआर दर्ज हुई है। पता नहीं दोषी को सजा दिलाने के लिए और क्या क्या करना होगा। भाजपा सरकार ने न्याय की धज्जियाँ उड़ा कर रख दी हैं। भाजपा भ्रष्टाचारियों, बलात्कारियों, दुराचारियों और लुटेरों की आश्रयभूमि बन गयी है। अपराधी भाजपाई भी इस सरकार में बेगुनाह माना जाता है। बलात्कारियों और दुराचारियों को संस्कारी बताना, माला पहनाकर उन्हें सम्मानित करना भाजपा की संस्कृति बन गयी है। अपनी इस स्त्री उत्पीड़क भूमिका से भाजपा पूरे देश में महिलाओं खासकर महिला खिलाड़ियों के लिए असुरक्षा का खतरनाक माहौल बना रही है। अगर ऐसी साहसी महिला खिलाड़ियों का समर्थन नहीं किया गया, ऐसे आपराधिक राजनेताओं का जोरदार विरोध नहीं किया गया तो भाजपा के साथ-साथ संसद और खेल संघों पर दुराचारियों का दखल बढ़ता जाएगा। ऐसे प्रकरणों पर पार्टी निरपेक्ष महिलापक्षीय भूमिका लेना हर इंसान, हर नागरिक की जिम्मेवारी बनती है।
धरना सह सभा में जिन्होंने शिरकत की उनमें खास नाम हैं : अंजली बोस, श्यामली राय, पूनम शरण, चन्दना बनर्जी, अनिमा बोस, चिन्मयी मंडल, राजश्री, सरोज, पूर्वी घोष, उषा सबीना देवगम। इनके साथ-साथ सुजय राय, डी एन एस आनंद, भगवान सिंह, गौतम बोस, सुमित राय, सुखवंत सिंह, गुरपाल सिंह, रामकवीन्द्र सिंह, शंकर नायक, अमर सेंगेल, एस के घोषाल, रमेश मुखी, उदय हयात, शिबू काली मैती, सुनील मुर्मु , उपेन्द्र बानरा, गणेश राम, रबिन्दर प्रसाद, ए पई, सुखचन्द्र झा, काशीनाथ प्रजापति, अमित राय, सोहन महतो, अरविंद अंजुम, सपन दास राय, अंकुर शाश्वत, विक्रम झा, साजिद, अशोक शुभदर्शी, देवाशीष, ओम प्रकाश, जगत, मंथन, आकाश और अंतस पलाश।