5 मई। देश की जानी मानी महिला पहलवान अपने और साथी खिलाड़ियों के साथ वर्षों से कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा किए जा रहे यौन शोषण के विरुद्ध कार्रवाई के लिए आंदोलन कर रही हैं।
पहलवानों के दबाव के बाद भारत सरकार के खेल विभाग व IOA द्वारा समिति तो बनायी गयी लेकिन समिति लीपापोती में लग गयी। यह अत्यंत दुखद है की पीटी उषा और मेरी कोम जैसी विश्वप्रसिद्ध महिला खिलाड़ियों ने भी इन पीड़ित महिलाओं का साथ न देकर सत्ताधारी राजनेताओं और बाहुबलियों के पक्ष में हो गयीं। शायद उन्होंने भाजपा व सरकार से अपने जुड़ाव को ज्यादा प्राथमिकता दी।
सर्वोच्च न्यायालय के दख़ल और लगातार संघर्ष के बाद बृजभूषण शरण सिंह पर दो FIR (पोक्सो कानून समेत) तो दर्ज हुई लेकिन आगे की कोई कार्रवाई होने की सम्भावना नहीं दीखती। यह भी सोचने की बात है कि एक ओर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व महिला विकास मंत्री इस पूरे मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर बृजभूषण शरण सिंह पहलवानों के ऊपर तथ्यहीन व भद्दी टिपण्णी किए जा रहे हैं और यह स्पष्ट कहा है कि अगर प्रधानमंत्री या गृहमंत्री उन्हें इस्तीफा देने कहे, तो वो तुरंत दे देंगे। इससे केंद्र सरकार की मंशा स्पष्ट है।
झारखंड जनाधिकार महासभा ने अपने बयान में आगे कहा है कि पिछले कुछ सालों के अनुभव बताते हैं कि यदि आरोपी सत्ताधारी दल के क़द्दावर और बाहुबली सदस्य नेता, पूँजीपति हैं तो बड़े से बड़े आरोपों की सही जाँच ही नहीं होती, न्याय तो दूर की बात है। यहाँ तक कि जिन अपराधियों को पिछली सरकारों के समय हत्या, बलात्कार जैसे मामलों में सजा हुई थी उन्हें भी पेरोल पर और पूरी सजामाफी के साथ छोड़ा जा रहा है। राजनीति और सत्ता पर पैसा और माफिया पूरी तरह काबिज हो चुके हैं।
3 मई की रात इन अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के साथ दिल्ली पुलिस ने महिला पुलिस की अनुपस्थिति में और शराब के नशे में जिस प्रकार की हिंसा और दुर्व्यवहार किया उसने सत्ता के घिनौने चेहरे के पहले के सभी रेकार्ड तोड़ दिए। महिला पहलवानों के लिए लगातार हो रही बारिश के मद्देनजर लाई गई चारपाइयों को धरना स्थल पर ले जाने से बलपूर्वक रोका गया और महिला पहलवानों के बाल खींचकर उनके साथ हाथापाई, गालीगलौज और बदसलूकी की गई। इस घटना में एक पहलवान के सिर में गंभीर चोट भी आई है। घटना ने मोदी सरकार के “बेटी बचाओ” नारे के खोखलेपन को उजागर कर दिया है।
झारखंड जनाधिकार महासभा ने माँग की है कि दर्ज मुकदमे में बृजभूषण शरण सिंह (जिसके ऊपर पहले से करीब 40 आपराधिक मुकदमे हैं) को अविलम्ब गिरफ्तार किया जाय, उसे कुश्ती संघ से निष्कासित किया जाय, जंतर मंतर पर पहलवानों पर हुए हमले के दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो और सभी खेलों से राजनीतिज्ञों, बाहुबलियों और उनके ऐजेंटों को निकाल कर खेल से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्तियों को जिम्मेवारी सौंपी जाय। तभी देश खेल में आगे बाढ़ पाएगा और खिलाड़ी सुरक्षित रह पाएँगे।