11 मई। अपनी माँगों को लेकर हजारों ऑटोचालकों ने पूरे तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन किया। वे मीटरों में संशोधन की माँग कर रहे हैं। अप्रैल 2022 में मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया था कि वह ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए समय-समय पर ऑटो-रिक्शा किराए में संशोधन करे, और स्वचालित रूप से काम करने के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाये। इस आदेश को एक साल बीत चुका है, लेकिन डीएमके सरकार ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है। विदित हो कि मीटर किराया आखिरी बार 2013 में संशोधित किया गया था। सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऑटो चालक एग्मोर, चेन्नई में पूरे दिन की भूख हड़ताल पर बैठ गए।
हड़ताल का नेतृत्व तमिलनाडु ऑटो वर्कर्स फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष एस बालासुब्रमण्यम ने किया। चेन्नई में विरोध स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, कि 10 साल से मीटर किराया संशोधित नहीं किया गया है। उच्च न्यायालय द्वारा मीटर दरों में बढ़ोत्तरी का आदेश दिये भी एक साल बीत चुका है, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस अंतराल के कारण अधिक शुल्क लेने के लिए ऑटो चालकों की जनता के बीच बदनामी होती है। संघ ने राज्य मोटर वाहन(संशोधन) अधिनियम 2019 को रद्द करने, रैपिडो जैसी अवैध बाइक टैक्सियों के नियमन सहित विभिन्न माँगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की।
(‘न्यूज क्लिक’ से साभार)
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