19 मई। मध्य प्रदेश के केन बेतवा लिंक परियोजना के डूब क्षेत्र में आए गाँव के ग्रामीणों को मुआवजा न मिलने के चलते छतरपुर कलेक्ट्रेट के सामने ग्रामीणों का धरना विगत कई दिनों से अनवरत जारी है। प्रशासन की तरफ से कोई सकारात्मक आश्वासन न मिलने से आंदोलनरत ग्रामीणों ने लकड़ियों से चिंताएं बनाईं और वहीं धरने पर बैठे हैं। ग्रामीणों ने मीडिया के हवाले से बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना में उनके गाँव डूब में आ गए हैं, किंतु उनको मुआवजे में न तो जमीन मिली है, न ही कहीं घर मिला।
उनको अनाथों की तरह छोड़ दिया गया है। अगर उनकी माँगों पर कोई विचार नहीं किया गया, तो वे सभी बनाई गई चिताओं पर वहीं जल जाएंगे। इस धरना प्रदर्शन में करीब एक दर्जन गाँवों के ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीणों ने आगे कहा कि ग्राम सभाओं के नाम पर जो काम किए गए हैं, वे पूरी तरह से कागजी हैं, क्योंकि उनके गाँव में अभी तक कभी ग्रामसभा लगाई नहीं जा सकी है। उनकी फरियाद सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है, इसलिए वह अब चिता आंदोलन में पर बैठ गए हैं।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
















