21 मई। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर स्थित चिनकी बैराज के संबंध में रानी अवंतीबाई सागर परियोजना के अधिकारियों के द्वारा प्रभावित गाँव के लोगों को वस्तुस्थिति और सही जानकारी नहीं दिए जाने के विरोध में घूरपुर धर्मशाला में प्रभावित ग्रामीणों का धरना दूसरे दिन जारी रहा। ग्रामीणों ने प्रशासन से माँग की है कि जमीन के बदले जमीन दी जाए और घर के बदले घर दिया जाए। धरने के दूसरे दिन घूरपुर, पिपरहा, गुरसी, रमपुरा ,गोकला चिनकी आदि गाँवों के लोग जुड़े। ग्रामीणों ने बांध , बैराज को लेकर पिछले 3 महीनों में अब तक नरसिंह भवन के चक्कर काटने समेत सांसद, विधायकों के बीच बात रखे जाने के अनेक किस्से सुनाए।
धरने पर बैठे प्रभावित गाँवों के लोगों की माँग है कि प्रशासन हर प्रभावित गाँव में बैराज को लेकर सही जानकारी उपलब्ध कराए और पर्याप्त मुआवजा दे, या फिर प्रभावित को जमीन के बदले जमीन दें और घर के बदले घर दें। एक अन्य किसान देवेंद्र लोधी ने कहा, कि नर्मदा कछार की बेहद उपजाऊ जमीन डूब से प्रभावित हो रही है, जो मुआवजा दिया जाएगा, वह काफी कम होगा, इसलिए प्रशासन से उनकी माँग जमीन के बदले जमीन की है। आंदोलनरत किसानों ने मीडिया के हवाले से बताया, कि नर्मदा कछार की उपजाऊ जमीन को डूब से बचाएं या फिर इसी तरह की उपजाऊ जमीन के बदले किसानों को दूसरी जगह जमीन उपलब्ध कराएं, ताकि उनकी खेतीबाड़ी बरकरार रहे और वे जीवनयापन कर सकें।
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