नेस्ले प्रबंधन द्वारा प्रताड़ना के चलते मजदूर आंदोलन की राह पर

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24 मई। नेस्ले इंडिया लिमिटेड पंतनगर प्रबंधन द्वारा पूर्व समझौते का उल्लंघन, नए माँगपत्र पर समझौते की जगह श्रमिकों को फर्जी आरोप पत्र देने, डराने-धमकाने और अत्यधिक प्रताड़ित करने के खिलाफ नेस्ले मजदूरों ने कंपनी गेट पर एक दिवसीय धरना दिया। इस धरने का आयोजन कंपनी की दोनों यूनियनों, नेस्ले मजदूर संघ व नेस्ले कर्मचारी संगठन ने साझे तौर पर किया। जिसमें ऑल इंडिया नेस्ले फेडरेशन की ओर से शामिल नेस्ले इंडिया टाहलीवाल, नेस्ले इंडिया समालखा, नेस्ले इंडिया बिचोलियम के यूनियन प्रतिनिधियों ने नेस्ले पंतनगर प्रबंधन की मनमर्जी का विरोध किया और संघर्षरत यूनियनों को समर्थन दिया।

इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रबंधन की शह पर जिला प्रशासन व पुलिस ने काफी प्रयास किए, हालांकि मजदूरों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा। दोनों यूनियन के नेताओं ने कहा, कि नेस्ले प्रबंधन ने वर्ष 2020 के समझौते का उल्लंघन किया, और इस उल्लंघन को दबाने के लिए, कारखाने में यूनियनों द्वारा बनाए गए शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने के लिए श्रमिकों को फर्जी नोटिस/आरोपपत्र दे रहा है, जबकि दोनों यूनियनों ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिया और शांतिपूर्ण माहौल बनाकर रखा। प्रबंधन की इन हरकतों के खिलाफ ही दोनों यूनियनों ने अपने संवैधानिक अधिकार के तहत एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया है। प्रबंधन के पास पैसे की ताकत है, जबकि मजदूरों के पास एकताबद्ध संघर्ष ही रास्ता है।

(‘मेहनतकश’ से साभार)


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