3 जून। चेन्नई मेट्रो वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड के कर्मचारियों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा। बोर्ड कार्यालय में कर्मचारियों ने ‘जॉब परमानेंसी’ की माँग को लेकर धरना दिया। मौके पर कर्मचारियों ने कहा , कि पुलिस विभाग लाख बाधाएं पैदा कर दे या फिर कंपनी मैनेजमेंट सभी साजिश कर ले, फिर भी हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
CMWSSB प्रबंधन के साथ, जब तक हमारे मंत्री और श्रम विभाग के अधिकारी बातचीत नहीं करते और हमारी माँग का समाधान नहीं करते, हमारा विरोध जोरदार तरीके से जारी रहेगा। यह हमारी लंबे समय से चली आ रही और जायज माँग है, जिसे प्रबंधन नजरअंदाज कर रहा है। 500 से अधिक कर्मचारियों ने काम बंद करके पट्टिनमपक्कम में सीएमडब्ल्यूएसएसबी कार्यालय में धरने में शामिल हुए।
सीएमडब्ल्यूएसएसबी प्रबंधन द्वारा पहले दौर की बातचीत पुलिस की मध्यस्थता में हुई, लेकिन प्रबंधन ने कर्मचारियों की माँगों को अस्वीकार कर दिया। शुरुआत में तो बातचीत सही चली लेकिन महाप्रबंधक के ऑफिस में मैनेजमेंट दबाव बनाने लगा, जिस कारण कर्मचारी आक्रोशित होकर धरनास्थल पर लौट आए।
बाद में सीएमडब्ल्यूएसएसबी प्रबंधन ने यूनियन को सूचित किया , कि वे दोपहर में दूसरे दौर की वार्ता के लिए तैयार हैं। यूनियन ने कहा कि वे सीधे प्रबंध निदेशक से ही बात करेंगे। इस बीच, पुलिस लगातार कर्मचारियों के आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास कर रही थी, और हर तरह की परेशानी पैदा कर रही थी। पुलिस के दबाव बनाने पर यूनियन बताया कि प्रबंधन ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 18(1) के तहत एक द्विपक्षीय समझौते के रूप में तैयार की गई उनकी माँगों को स्वीकार कर लिया। लेकिन एमडी ने ड्राफ्ट सेटलमेंट देने से मना करते हुए, कर्मचारियों को काम पर वापस लौटने का दबाव बना रहा है।
मैनेजमेंट ने धमकी दी है, कि वे आंदोलन करनेवाले कर्मचारियों की सूची बनाकर उनके खिलाफ ऐक्शन लेंगे, जिससे यूनियन आक्रोशित है। यूनियन ने छात्रों, वकीलों, ट्रेड यूनियनों और कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करने और बलपूर्वक निष्कासित करने के लिए, पुलिस की कड़ी निंदा की है, वे कर्मचारियों और आम लोगों की एकजुटता को तोड़ना चाहते हैं। यूनियन ने सभी नागरिकों, सामाजिक न्याय के पक्ष में खड़े होने वालों और संघर्ष करने वालों से समर्थन माँगा है।
(‘मेहनतकश’ से साभार)
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