उत्तराखंड में विभिन्न माँगों को लेकर मजदूरों का धरना

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27 मई। उत्तराखंड के रुद्रपुर में श्रमिक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय के गेट पर औद्योगिक मजदूरों की प्रमुख समस्याओं के अविलंब समाधान की माँग को लेकर एक दिवसीय धरना देकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। धरने को संबोधित करते हुए श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने मीडिया के हवाले से बताया कि सिडकुल की तमाम कंपनियों में मजदूरों का शोषण चरम पर है। इन कंपनियों में हुए औद्योगिक विवाद में श्रम विभाग व जिला प्रशासन के समक्ष पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि उक्त कंपनियों के मैनेजमेंट ने श्रम कानूनों का उल्लंघन किया है।

इंट्रार्क के मजदूर लंबे समय से माँग कर रहे हैं, कि मालिक-मजदूरों के बीच प्रशासन के समक्ष हुए समझौते का पालन कंपनी प्रबंधन द्वारा कराया जाए व 28 मजूदरों की कार्यबहाली कराई जाए, लेकिन जिला प्रशासन नहीं सुन रहा है। माइक्रोमैक्स के मजदूरों को हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद काम पर नहीं रखा जा रहा है। इंकलाबी मजदूर केंद्र के केंद्रीय कोष सचिव सुरेंद्र रावत ने कहा कि एक ओर सरकार मजदूरों के रोजगार को खत्म कर रही है, दूसरी ओर मजदूर व गरीब बस्तियों पर हमलावर है। सरकार द्वारा थोपी गई महंगाई ने पहले ही मजदूरों की कमर तोड़कर रख दी है। ऐसे में मजदूरों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखना होगा।

मजदूर सहयोग केंद्र के दीपक सनवाल ने कहा, कि जहाँ पर मजदूरों के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला आता है, तो प्रशासन उसे लागू कराने में हीलाहवाली करता है, लेकिन अगर मजदूरों के खिलाफ फैसला आता है, तो प्रशासन रातों-रात फैसले को लागू करने में जुट जाता है। ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन की भूमिका मजदूर विरोधी हो गई है। संयुक्त श्रमिक मोर्चा के दलजीत सिंह ने कहा कि यदि प्रशासन शीघ्र ही मजदूरों की समस्याओं को हल नहीं करता है, तो एक बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।

(‘मेहनतकश’ से साभार)

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