29 मई। रविवार का दिन कई मायनों में देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज हो गया। कल जहाँ एक तरफ सरकार ने देश के नाम एक नए संसद भवन किया, वहीं जींद में हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों ने विभिन्न माँगों को लेकर ‘चेतावनी रैली’ की। ये कर्मचारी राज्य के अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में जींद के हुड्डा ग्राउंड में एकत्र हुए। इन्होंने सरकार को चेतावनी दी, कि अगर हमारी सभी जायज माँगों को नहीं माना गया, तो मौजूदा सत्ता पर काबिज लोगों को सत्ता से बेदखल कर देंगे। इस रैली में विभिन्न जिलों के बिजली, पानी, सड़क, सफाई, निर्माण कार्य, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत तमाम विभागों के कर्मचारी शामिल हुए। रैली में शिक्षकों से लेकर सफाई कर्मचारी और स्वास्थ्य से लेकर पंचायत स्तर तक के कर्मचारी जुटे थे।
‘सर्व कर्मचारी संघ’ ने मीडिया के हवाले से बताया, कि पहलवानों के समर्थन में जा रहे खाप पंचायत और किसान संगठनों को नजरबंद कर दिया गया है। बीजेपी ने पूरे प्रदेश को जेल में बदल दिया है। हम इसका विरोध करते हैं और सरकार से सभी को तत्काल रिहा करने की माँग करते हैं। रैली में शामिल सफाईकर्मियों ने आरोप लगाया, कि वे पिछले नौ-दस साल से काम कर रहे हैं, लेकिन आज भी उन लोगों को पक्का नहीं किया गया है। वहीं सभी कर्मचारियों ने एक सुर में पुरानी पेंशन बहाली की माँग की, उन्होंने यह भी कहा, कि यह कर्मचारियों का हक है। कर्मचारियों की मुख्य माँगों में नियमितीकरण, पुरानी पेंशन बहाली, नियम से नियमित भर्ती, हरियाणा का अलग से वेतन आयोग, कौशल रोजगार को भंग करना और निजीकरण पर रोक लगाने जैसी माँगें शामिल थीं।
जींद में हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों ने विभिन्न माँगों को लेकर ‘चेतावनी रैली’ की। ये कर्मचारी राज्य के अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में जींद के हुड्डा ग्राउंड में एकत्र हुए।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
















