31 जून। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को चकाचक दिखाने के लिए राजघाट स्थित किला कोहना बस्ती में रहने वाले दलितों और मुसलमानों के घरों को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। इन लोगों के पास रहने के लिए अब कोई दूसरा ठिकाना नहीं है। कई पीढ़ियों से वहाँ रह रहे लोगों के पास बिजली-पानी का बिल, आधार कार्ड के साथ-साथ निर्वाचन सूची तथा विभिन्न सरकारी दस्तावेजों में नाम भी है। इस बस्ती के ठेला, गुमटी, रेहड़ी और पटरी पर दुकान लगाने वाले सैकड़ों लोगों को अपनी आजीविका से हाथ धोना पड़ा है। बस्ती के लोगों ने चीखते, रोते हुए आरोप लगाया, कि ये कहाँ का इंसाफ है? एक तरफ हमारे देश के प्रधानमंत्री का कहना है, ‘सबका साथ सबका विकास’, दूसरी तरफ हम गरीबों को खून के आंसू रुलाया जा रहा है।
बड़े-बूढ़े यहाँ तक कि बच्चे भी रो रहे थे, उनका क्या कसूर था? वो गरीब थे यही सबसे बड़ा गुनाह था? बस्तीवासियों के मुताबिक, बीते कुछ दिन पहले रेलवे की तरफ से अपनी जमीन का हवाला देते हुए जमीन को खाली करने का नोटिस जारी किया गया। घरों को खाली नहीं करने पर बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की चेतावनी भी दी। बुधवार को भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में रेलवे प्रशासन ने समूची बस्ती पर बुलडोजर से कहर बरपाना शुरू कर दिया। सैकड़ों की तादाद में मौजूद पुलिस ने किला कोहना बस्ती को चौतरफा घेर लिया। पुलिस ने बहुत से लोगों को अपना सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया, और उनके घरों पर बुलडोजर चलवा दिया।