1 जून। गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पटना जिला के प्रमुख किसान संगठनों ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिला पहलवानों के विरोध मार्च पर पुलिसिया दमन और मोदी सरकार की महिला-विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रतिरोध मार्च आयोजित किया।
जैसा कि सर्वविदित है, हमारे देश की कई शीर्ष महिला पहलवान 23 अप्रैल, 2023 से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना पर बैठी थीं, जब केंद्र सरकार जनवरी 2023 में आरोपी सांसद के खिलाफ जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए खिलाड़ियों से किए अपने वादे को पूरा करने से मुकर गई। खिलाड़ियों को भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा और माननीय न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई शुरू करने के बाद ही दिल्ली पुलिस ने बहुत देर से आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 2 प्राथमिकी दर्ज की। दुर्भाग्य से, उसके बाद दिल्ली पुलिस अपने पांव खींच रही है और जांच और अभियोजन को आगे नहीं बढ़ाया गया है। जब खिलाड़ियों ने अपना विरोध जारी रखा और 28 मई, 2023 को दिल्ली में एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला, तो दिल्ली पुलिस, जो केन्द्र सरकार के नियंत्रण में है, ने उनके विरोध मार्च का क्रूरता से दमन किया। उन्हें हिरासत में लिया गया, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी और उन्हें जंतर मंतर पर उनके शांतिपूर्ण विरोध स्थल से हटा दिया गया। इस सब के बाद भी, आज तक बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 30 मई को जारी बयान में भारतीय पहलवानों और समाज के अन्य सभी वर्गों के विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार को सुरक्षित करने और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग के लिए देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया था। मोर्चा ने 1 जून , 2023 को जिला और तहसील केंद्रों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों और पुतला दहन की घोषणा की थी।
इसी क्रम में आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिला पहलवानों के विरोध मार्च पर पुलिसिया दमन और मोदी सरकार की महिला-विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रतिरोध मार्च आयोजित किया। इस मार्च में किसान संगठनों के साथ, ट्रेड यूनियन, महिला, युवा, छात्र, श्रमिक, बुद्धिजीवी, आम नागरिक और जन-आंदोलन और सामाजिक संगठन भी शामिल हुए। मार्च पटना के जीपीओ गोलंबर से डाक बंगला तक गया।
इस मार्च में अ.भा. किसान महासभा के शिवसागर शर्मा और राजेन्द्र पटेल, बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के शिवकुमार विद्यार्थी और सोना लाल प्रसाद, एआईकेएमकेएस के नन्दकिशोर सिंह, जय किसान आंदोलन के ऋषि आनंद और अनूप सिन्हा, एआईकेकेएमएस के मणिकांत पाठक और इंद्रदेव राय, क्रांतिकारी किसान यूनियन के वीवी सिंह, एनएपीएम के उदयन राय, जल्ला किसान संघर्ष समिति के शंभूनाथ मेहता, अ.भा. किसान फेडरेशन के जमीरुद्दीन, और ‘अघोषित आपातकाल विरोधी मोर्चा’ के अमलेंदु मिश्रा और दर्जनों अन्य नागरिक शामिल हुए।
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