सभी राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में तिब्बत का मुद्दा शामिल कराया जाए- प्रो. आनंद कुमार

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Tibet submit MP

3 जून। भारत में रह रहे तिब्बतियों को उनका स्वदेश और स्वराज वापस दिलाने में भारत के लोगों को सक्रिय होने की जरूरत है। भारत तिब्बत मैत्री संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय खरे ने बताया कि विगत शुक्रवार को संगठन की मध्यप्रदेश इकाई के द्वारा आयोजित जूम मीटिंग में बुद्धिजीवियों एवं पदाधिकारियों ने हिस्सेदारी की।

इस दौरान हुई चर्चा में यह बात सामने आई कि देश के सभी राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणापत्र में तिब्बत के मुद्दे को शामिल करें और संसद के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र संघ में इस विषय पर गंभीरता से चर्चा हो, इसके प्रयास करना बहुत जरूरी है। तिब्बतियों की स्वराज प्राप्ति में ही भारत की सुरक्षा भी शामिल है।

इस चर्चा में भारत तिब्बत मैत्री संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो आनंद कुमार ने कहा कि चीन ने तिब्बत को हड़पा ही नहीं बल्कि उसकी विस्तारवादी नीतियों व ‘वन बेल्ट वन रोड’ जैसी योजनाओं से समूचे एशिया महाद्वीप व हिन्द महासागर क्षेत्र के देशों की सम्प्रभुता को खतरा है। तिब्बत के मुद्दे पर उसे संवाद के लिए राजी करना संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी स्थायी सदस्य देशों के लिए जरूरी है। अन्यथा जिस तिब्बत को दुनिया की छत कहा जाता है वहाँ चीन द्वारा चलाये जा रहे प्रकृति विरोधी कार्यक्रमों से एशिया प्रशांत क्षेत्र का पर्यावरण बिगड़ने का खतरा है।

प्रो आनंद कुमार ने बताया कि चीन से अठारह देशों की सीमाएं लगती हैं। चीन के विस्तारवादी कार्यक्रम से भारत समेत इन सभी देशों को समय समय पर संकट झेलना पड़ा है। चीन की आक्रामक व विस्तारवादी नीतियों का विरोध करने के लिए जरूरी है कि तिब्बत के मुद्दे को भारत की संसद व अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया जाए। तिब्बती जनता के प्रमुख दलाई लामा सन् 1959 से भारत में शरण लिये हुए हैं। आज दुनिया के सौ से अधिक देशों में निर्वासित तिब्बत सरकार के कार्यालय हैं। भारत की जनता और विभिन्न राजनीतिक दल यदि तिब्बत को स्वराज दिलाने में योगदान देंगे तो विश्व शांति की दिशा में यह एक बड़ा प्रयास होगा।

चर्चा में भारत तिब्बत मैत्री संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय खरे (रीवा, मध्यप्रदेश) एवं सुरेन्द्र कुमार (मुजफ्फरपुर, बिहार), राष्ट्रीय महासचिव डा. मनोज कुमार (नई दिल्ली), बिहार इकाई के महामंत्री प्रोफेसर विकास नारायण उपाध्याय, जर्मनी से डॉ गोस्वामी, भारत तिब्बत मैत्री संघ मध्यप्रदेश के संयोजक प्रोफेसर जयंत तोमर‌, इंदौर से डा. शिवा श्रीवास्तव, रीवा से डॉ श्रद्धा सिंह, अहमदाबाद से संदीप ज्योतिकर, दिल्ली से डॉ अनिल ठाकुर, राकेश ठाकुर, रायपुर से भारत तिब्बत मैत्री संघ के संयोजक जयप्रकाश पिपलानी, जबलपुर से आभा श्रीवास्तव, ग्वालियर से धर्मेन्द्र कमरिया आदि विभिन्न पदाधिकारियों व बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन रणधीर गौतम ने किया।

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