बालासोर रेल हादसे में फरिश्ता बनकर पहुँचे स्थानीय लोग

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4 जून। ओड़िशा के बालासोर जिले में बीते शुक्रवार हुए भयानक रेल हादसे से पूरा देश स्तब्ध है। इस भयानक रेल हादसे में अभी तक करीब 300 लोगों की जान चली गई है, जबकि 1000 से अधिक यात्री घायल हुए हैं। कुछ लोग अभी भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।

हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग घायलों की मदद करने के लिए तत्काल दुर्घटनास्थल पर पहुँच गए। बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन इलाके के निवासी रणजीत गिरि, बिप्रदा बाग, आशा बेहरा और अशोक बेहरा घायलों को बचाने के लिए सबसे पहले पहुँचने वाले लोगों में से हैं।

बिप्रदा बाग ने एक चैनल से हवाले से बताया, कि हमने कम से कम 50 घायलों को बचाया और यात्रियों को अपने वाहनों से स्थानीय अस्पतालों में पहुँचाया। गणेश नाम के एक शख्स ने भी मीडिया के हवाले से बताया, कि वह जब घटनास्थल के पास पहुँचा, तो हर तरफ मची चीख पुकार और दर्दनाक हादसे का मंजर था। उसको कुछ समझ ही नहीं आ रहा था, कि वो कहाँ जाए और किसकी सहायता करे, लेकिन फिर उसने हिम्मत कर लोगों की मदद करना शुरू कर दिया। वह एक एक बोगी में घुसा और लोगों को बाहर निकालने लगा। जो लोग फंसे हुए थे, किसी तरह उनको निकाला।

इस तरह उसने एक-एक कर करीब 300 लोगों की जान बचाई। स्थानीय लोगों ने अपनी मोटर साइकिल, गाड़ी और ट्रैक्टर की मदद से घायलों को अस्पताल पहुँचाना शुरू कर दिया। वहीं घायलों को खून की जरूरत का संदेश सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हजारों युवा अस्पतालों में रक्तदान करने पहुँच गए। अस्पताल में ब्लड डोनेट करने वालों की भीड़ देखकर चिकित्सक भी हैरान रह गए। वहीं यात्रियों के परिजनों और बचावकर्मियों के भोजन-पानी की व्यवस्था में स्थानीय लोग लगातार लगे हुए हैं।

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