8 जून। छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न कर्मचारी अनवरत आंदोलन और हड़ताल पर हैं। इसी बीच ‘छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा’ ने विभिन्न माँगों को लेकर आगामी 11 जून को मुख्यमंत्री निवास को घेरने का एलान किया है। मोर्चा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया, कि कांग्रेस ने सरकार बनने पर 10 दिन में प्राथमिकता से अनियमित कर्मचारियों की माँगों को पूरा करने का वादा किया था। इसी प्रकार कांग्रेस के जन घोषणापत्र में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छंटनी न करने एवं आउटसोर्सिंग बंद करने तथा पृथक कर्मचारियों को रोजगार देने का वादा किया था। मुख्यमंत्री ने बीते 14 फरवरी 2019 को मंच से घोषणा की थी कि यह वर्ष किसानों और आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा, लेकिन स्थिति आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है।
विभिन्न विभागों में वर्षों से कार्यरत अनियमित कर्मचारी नौकरी से निकाले जाने के भय से जीवन जीने विवश हैं। अतः कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी से अनियमित कर्मचारियों में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है। छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा ने प्रदेश के समस्त अनियमित कर्मचारियों से अपील भी की है कि 11 जून को आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री निवास घेराव में अधिक से अधिक सम्मिलित होकर आन्दोलन को सफल बनायें। मोर्चा ने मुख्यमंत्री से अनुरोध भी किया है, कि घोषणापत्र में किये गए वादे के मुताबिक प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करें।
प्रमुख माँगें
1) समस्त अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
2) निकाले गए अनियमित कर्मचारियों की बहाली की जाए।
3) अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जाए।
4) आउटसोर्सिंग व ठेका बंद किया जाए।
5) दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए।