11 जून। राजधानी दिल्ली में इन दिनों डीडीए का बुलडोजर जमकर कहर बरपा रहा है। ताजा मामला श्रीनिवासपुरी में स्थित इंदिरा कैंप का है, जहाँ मौजूद करीब 100 झुग्गियों को बुलडोजर द्वारा जमींदोज कर दिया गया। डीडीए की करवाई के बाद लोगों के लिए घर का संकट उत्पन्न हो गया है। लोग भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। मजदूर आवास संघर्ष समिति के संयोजक निर्मल गोराना ने मीडिया के हवाले से बताया कि श्रीनिवासपुरी बस्ती में सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट क्रियान्वित कर रही है, जो कि सीधा पीएमओ ऑफिस के अंतर्गत आता है।
इस कार्य के लिए सीपीडब्ल्यूडी, लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस कार्यात्मक रूप से सक्रिय हैं। साल 2022 में लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस द्वारा इंदिरा कैंप के लोगों को घर खाली करने के आदेश दिए गए, तो बस्ती के लोग मिलकर साकेत कोर्ट पहुँचे। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज ट्विंकल वाधवा ने स्टे हटाते हुए संबंधित एजेंसी को रिप्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने को कहा। इधर पैसों के अभाव में मजदूर हाई कोर्ट तक नहीं पहुँच पाये। आरोप है कि इसका लाभ उठाते हुए लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने मौका देखकर 92 परिवारों को घर से बेदखल कर दिया।
इंदिरा कैंप में रहनेवाले लोगों ने बताया कि वे तीन-चार दशक से यहाँ रहते आ रहे हैं, और अचानक 1 दिन पहले नोटिस चिपकाया गया और अगले दिन पुलिस बल की तैनाती में हमारी झुग्गियों को तोड़ दिया गया। अचानक हुई इस कार्रवाई के बाद हम लोग बेघर हो गए हैं। अगर कोई कमरा खोज रहे हैं, तो इस मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। जो कमरा ₹5000 का है उसका किराया ₹10000 माँगा जा रहा है। इस करवाई के बाद हम लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।