13 जून। ट्विटर के सह-संस्थापक और भूतपूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने अपने बयान में कहा, भारत सरकार ने किसानों के विरोध को उजागर करने वाले और सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के ट्वीट्स को ब्लैकआउट करने के लिए ट्विटर से कहा था, साथ ही, ऐसा न करने पर भारत में ट्विटर को बंद करने की धमकी भी दी। डोर्सी ने आगे कहा, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में ट्विटर कर्मचारियों के घरों पर छापा मारा गया। डोर्सी के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद जहाँ एक ओर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है, वहीं केंद्र सरकार ने इन दावों को झूठा बताया है।
यूट्यूब पॉडकास्ट ‘ब्रेकिंग पॉइंट’ को दिए इंटरव्यू के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, कि किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास बहुत सी माँगें आ रही थीं। ट्विटर पर सरकार की आलोचना करने वाले कुछ खास पत्रकारों के ट्विटर हैंडलों को ब्लॉक करने का दवाब बनाया गया। भारत सरकार द्वारा ट्विटर को बंद करने की धमकी भी दी गयी। हालांकि ट्विटर ने सरकार की माँगों को मानने से इनकार कर दिया था।
डोर्सी के इस बयान पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथ लिया है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ में ‘मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी’ किया जा रहा है। शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा, कि सरकार ने किसानों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश की। बीजेपी और सरकार ने किसानों को देश विरोधी कहा। उन्होंने किसानों का समर्थन करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दबाव डालने की कोशिश की। वहीं इस मामले पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, कि ट्विटर के पूर्व सीईओ के द्वारा कहा गया, कि भारत सरकार के द्वारा किसान आंदोलन के दौरान जो ट्विटर अकाउंट आंदोलन का समर्थन करते थे, उन्हें बंद करने का दबाव बनाया गया, अगर यह हाल अंतरराष्ट्रीय माध्यमों का है, तो देश की न्यूज एजेंसियों का क्या हाल होगा। “कलम और कैमरा पर बंदूक का पहरा है।”