13 जून। उत्तराखंड में जारी सांप्रदायिक उन्माद के माहौल पर चिंता जताते हुए सिटिजंस फॉर पीस ने राज्य सरकार से अपील की है कि राज्य एवं जिलों के स्तर पर सर्वदलीय शांति समितियों का गठन किया जाए। ये समितियां फौरन गठित की जाएं ताकि राज्य के कुछ इलाकों में बनी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियां नियंत्रण के बाहर न होने पाएं और सभी मसलों का संतोषजनक समाधान निकाला जा सके।
सिटिजंस फॉर पीस की ओर से प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एस.के. दास, सुप्रीम कोर्ट के वकील और लेखक अनिल नौरिया, विजय दुग्गल, सुमिता हजारिका, निकोलस हाफलैंड, सैय्यद काजमी और बिजू नेगी ने सरकार व जनता से अपील करते हुए कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से उत्तराखण्ड में बिगड़ती सामाजिक परिस्थिति अत्यंत चिंताजनक है। यह उत्तराखण्ड की खुशहाली और भविष्य के विकास के लिए नुकसानदेह है कि असामाजिक तत्वों के दबाव में लोगों की बेदखली हो और लोगों की आजीविका के स्रोत समाप्त हो जाएं। उन्होंने प्रदेश के लोगों से शांति बनाए रखने और कानून अपने हाथ में न लेने की भी अपील की है। कहा है कि अगर उत्तराखण्ड को भविष्य में एक अग्रणी राज्य के रूप में विकसित होना है तो जरूरी है कि समाज के सभी वर्ग एक दूसरे के प्रति सद्भाव व एकता को सुदृढ़ बनाए रखें।
सिटिजंस फॉर पीस ने कहा है कि वह उन लोगों के प्रयासों और साहस की सराहना करता है जो राज्य के कुछ इलाकों में विकट परिस्थितियों में शांति व एकता के पक्ष में खड़े रहे। उम्मीद है कि प्रशासन भी स्थिति को सामान्य बनाने में अधिक सकारात्मक दृढ़ शक्ति का परिचय देगा ताकि समाज के सभी वर्ग अपने जीवन की दैनिक गतिविधियों को परस्पर सद्भाव के साथ व भयमुक्त होकर कर सकें।
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