रोजगार के अधिकार पर कानून बनाने की मॉंग, 9 जुलाई को जंतर मंतर पर होगी रैली

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25 जून। देश में बढ़ती बेरोजगारी के मद्देनजर यह जरूरी हो गया है कि सरकार बेरोजगारों के लिए कुछ ठोस नीति बनाए। सरकार का बेरोजगारी की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए और उस पर ठोस नीति बनवाने के लिए ‘एक वोट एक रोजगार आन्दोलन’ की मुहिम शुरू की गई है और इस संदर्भ में आगामी 9 जुलाई को जंतर-मंतर पर रैली आयोजित की गई है, जब नई संसद में नया संसद सत्र शुरू होगा।

‘एक वोट पर एक रोज़गारआंदोलन’ को सफल बनाने की दिशा में 9 जुलाई को जंतर-मंतर पर आहूत रैली को सफल बनाने के लिए आयोजकों द्वारा 25 जून को दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित एन.डी. तिवारी भवन में एक वालंटियर मीटिंग बुलाई गई, जिसमें न्यूनतम वेतन की गारंटी, समान काम के लिए समान वेतन की मांग के साथ 60 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को सम्मानजनक पेंशन की भी मांग पर चर्चा हुई।

मांग कैसे पूरी की जा सकती है, इस पर इस आंदोलन के आधार स्तम्भ प्रवीण कुमार काशी द्वारा उसका रोड मैप भी बताया गया। उन्होंने सरकार द्वारा सम्मानजनक न्यूनतम आय को सुनिश्चित करने पर बल दिया, आंदोलन को गति देने और मंजिल तक पहुचाने पर विस्तार से बात की गई तथा साथ में उनके द्वारा आयोजन समिति की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई।

युवा हुंकार के संस्थापक और इस आंदोलन का पथ प्रदर्शन कर रहे डॉ. सन्त प्रकाश ने देश के सत्तर प्रतिशत संसाधनों पर काबिज एक प्रतिशत व्यवसायिक एवं औद्योगिक घरानों से ‘भारत माता कृतज्ञता कर’ देने के आह्वान के साथ इस कर के बारे मे विस्तार से समझाया और बताया कि यह देश के एक प्रतिशत लोग जो कि देश के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग करते हैं, यदि अपनी आय का कुछ हिस्सा बढ़ाकर वह ‘कर’ के रूप में देश के कोष को दे दें तो एक वोट पर एक रोजगार की बात को आसानी से साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इसके लिए तत्काल कानून बनाकर अमली जामा पहनाया जाना चाहिए।

एक वोट एक रोजगार के संवैधानिक पक्ष पर युवा अर्थशास्त्री योगेश कुमार ने विस्तृत चर्चा की और बड़ी स्पष्टता से इसके कानूनी और अर्थिक पक्षों को समझाया। जनाधिकार संघर्ष अभियान के संयोजक एवं शिक्षाशास्त्री अश्विनी कुमार सुकरात ने इस संदर्भ में दो सुझाव दिए, पहला सुझाव समान काम के लिए समान वेतन और दूसरा सुझाव शोषण मुक्त रोजगार।

इस वालंटियर मीटिंग में कई युवा एवं नागरिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने शिरकत की और अपने सुझाव रखे, जिनमें देश के आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जमात ए उलेमा ए हिंद द्वारा स्थापित सद्भावना मंच के राष्ट्रीय संयोजक जावेद सिद्दीक़ी क़ासमी ने बेरोजगारी को देश के लिए अभिशाप माना तथा उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की मांग करने वाले इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया। लोक शक्ति अभियान के दिल्ली प्रदेश के संयोजक सुशील खन्ना, नागरिक सरोकारों से जुड़ी माही सिंह, मोहिन्दर सिंह, ज्योत्सना शर्मा, जतिन भल्ला, शशांक यादव, शकुंतला, प्रकाश कुमार, नाजमा, दीपक धोलकिया, दिल्ली साझा मंच के संयोजक संजय कन्नौजिया, विकास सैनी एवं शुभम ने भी वोट एक रोजगार पर अपने विचार रखे और सुझाव दिए। रोजगार गारंटी बिल का मसविदा तैयार करने के लिए युवा अर्थशास्त्री योगेश कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई।

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